रेलवे कर्मचारी ई यात्रा पास होने के बाद भी बिना टिकट यात्री मानेे जाएंगे। टीटीई जुर्माना लेने के बाद विभागीय कार्रवाई के लिए रेल प्रशासन को पत्र भी भेजेगा। ई यात्रा पास केवल आरक्षण टिकट लेने पर किराया नहीं देने का अधिकार पत्र रहा गया है।

रेल प्रशासन धीरे-धीरे कागज रहित कार्य करने पर जोर दे रहा है। इसी के तहत रेल अधिकारियों और कर्मचारियों के निश्शुल्क यात्रा करने वाले मैनुअल पास को स्थायी रूप से बंद कर दिया है। इसके बदले में ई पास की सुविधा शुरू की है। कोई भी रेल कर्मचारी अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ई पास ले सकता है और ई आरक्षण टिकट भी बना सकता है। रेलवे अधिकारियों को परिवार के साथ यात्रा करने के लिए साल में चार और कर्मचारियों को साल में तीन यात्रा पास दिए जाते हैंं। मैनुअल पास में ट्रेन में बिना आरक्षण टिकट लिए ही यात्रा करने का अधिकार होता था।

रेलवे कर्मचारी किसी भी ट्रेन में बिना टिकट लिए सवार हो सकते थे और टीटीई खाली होने पर बर्थ आवंटित कर यात्रा करने की अनुमति दे देता था। यात्रा पास जारी होने के चार माह के अंदर कर्मचारी और अधिकारी एक बार जाना और एक बार आना कर सकते है। कुछ कर्मचारी यात्रा करने के समय टीटीई से साठगांठ कर मैनुअल यात्रा पास पर हस्ताक्षर नहीं करने देते थे, जिससे एक पास पर कर्मचारी कई बार यात्रा कर लेते था। रेलवे प्रशासन ने इस पर रोक लगाने के लिए ई पास जारी करने की व्यवस्था बना दी। कर्मचारी मोबाइल द्वारा ई यात्रा पास बना सकता है।

ई पास से बिना आरक्षण टिकट के ट्रेन में यात्रा करने के अधिकार को समाप्त कर दिया गया है। ई पास की संख्या के आधार पर रेलवे कर्मचारी बुकिंग काउंटर या ई आरक्षण टिकट ले सकता है। रेलवे कर्मचारी को टिकट लेने पर कोई किराया नहीं देना पड़ेगा। नए नियम के बाद सिर्फ ई यात्रा पास लेकर ट्रेन में सवार हो जाने वाले कर्मचारी बिना टिकट यात्रा करते माने जाएंगे और उनसे जुर्माना भी लिया जाएगा। जुर्माना लेने बाद टीटीई रेल प्रशासन को सूचना भेज देगा। इसके आधार पर रेलवे कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। सहायक वाणिज्य प्रबंधक पीएस बघेल ने बताया कि ई यात्रा पास द्वारा कर्मचारी ट्रेन में सफर नहीं कर पाएंगे, ई यात्रा पास के द्वारा कर्मचारी को आरक्षण टिकट लेना पड़ेगा, तभी वह ट्रेन में सफर कर पाएंगे।