आरपीएएफ को 4548 जवान कोरोना संक्रमित हुए थे, जिनमें से 4413 ठीक हैं. 30 आरपीएफ जवानों की ड्यूटी के दौरान ही मौत हो गई. इस वक्त 100 आरपीएफ के जवानों को कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज किया जा रहा है.

कोरोना के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टाफ के टीकाकरण को लेकर रेलवे ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाए जाने और स्टेशनों पर खाने के पैकेट बांटने के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) ने एक पत्र भेजते हुए फ्रंटलाइन वर्कर्स में आने वालों के रैंक की कैटगरी लिस्ट दी है.

पिछले हफ्ते केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ मिलकर रेलवे ने फ्रंट लाइन स्टाफ को वैक्सीन लगाने का मुद्दा उठाया था. एक तरफ जहां आरपीएफ को फूट सोल्जर यानी कांस्टेबल की तरह तो वहीं दूसरी तरफ ऑफिसर्स जैसे- डिवीजनल सिक्योरिटी कमिश्नर, इंस्पेक्टर जनरल, डायरेक्टर जनरल और अन्य को फ्रंटलाइन वर्कर्स कहा गया है.

सभी रेलवे जोन के अन्य स्टाफों में शामिल इंस्पेक्टर, टिकट चेकर्स, मैंटिनेंस स्टाफ, ड्राईवर्स, स्टेशन ऑफिसर्स की भी लिस्ट तैयार की गई है. ऐसा माना जा रहा है कि इन लोगों की काफी बड़ी संख्या है. आंकड़ों के मुताबिक, आरपीएएफ को 4548 जवान कोरोना संक्रमित हुए थे, जिनमें से 4413 ठीक हैं. 30 आरपीएफ जवानों की ड्यूटी के दौरान ही मौत हो गई. इस वक्त 100 आरपीएफ के जवानों को कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज किया जा रहा है. रेलवे के करीब 30 हजार कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए थे और इनमे से 700 लोगों की मौत हो गई थी.

मुंबई बेस्ड सेंट्रल रेलवे के 4838 कर्मचारियों को और जयपुर बेस्ट नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के 3733 कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमित पाया गया था जो अन्य जोन में सबसे ज्यादा संख्या थी. रेलवे के अस्पताल अपने कर्मचारियों के साथ बाहर से आए लोगों के कोविड-19 की इलाज के लिए ओवर टाइम काम करता आ रहा है. अभी भी करीब 2 हजार कर्मचारी कोरोना के एक्टिव केस के मरीज हैं.