हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जुलाई महीने में बढ़ाया जाता है। लेकिन अप्रैल महीने में महंगाई भत्ते पर यह फैसला लिया गया था। कोरोना संकट के चलते केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मंहगाई भत्ते (डीए) की पुरानी दर का ही भुगतान किया जा रहा है। मौजूद दर 21 फीसदी है लेकिन लॉकडाउन और कोरोना संकट के चलते सरकारी खजाने पर पड़े प्रभाव के बाद 17 फीसदी की दर लागू की गई है।

कर्मियों और पेंशनर्स के लिए यह व्यवस्था जून 2021 तक के लिए लागू की गई है। इसके बाद ही डीए पर सरकार राहत दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों को सैलरी बढ़कर मिलने लगेगी तो वहीं पेंशनर्स को ज्याद पेंशन मिलने लगेगी। हर साल केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जुलाई महीने में बढ़ाया जाता है। लेकिन अप्रैल महीने में महंगाई भत्ते पर यह फैसला लिया गया था। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। साल में दो बार इसमें बढ़ोत्तरी की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि महंगाई बढ़ने के बाद कर्मचारियों के रहन सहन के स्तर पर प्रभाव न हो।

बता दें कि डीए पर ‘कैंची’ के बाद दशहरे के मौके पर 30 लाख से ज्यादा नॉन गैजेस्टेड कर्मचारियों को दिवाली बोनस का भुगतान किया गया है। इसके साथ ही एलटीए और एलटीसी पर भी राहत दी है। केंद्र सरकार की ओर से 12 अक्टूबर को एलटीसी कैश वाउचर स्कीम का ऐलान किया गया था। इसके तहत कर्मचारी ऐसी सेवाओं और वस्तुओं की खरीद कर सकते हैं, जिन पर 12 फीसदी या फिर उससे ज्यादा जीएसटी लगता हो। अब तक केंद्रीय कर्मचारियों को सिर्फ यात्रा करने पर ही एलटीसी के लाभ मिलते थे अन्यथा उन्हें इससे वंचित रहना पड़ता था।