केंद्र सरकार के पीआईबी फैक्ट चेक ट्वीटर हैंडल के जरिए इस वीडियो में किए जा रहे दावे को पूरी तरह से फर्जी करार दिया गया है। सरकार ने कहा है कि रेलवे का पूरी तरह से निजीकरण नहीं किया जा रहा।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें रेलवे निजीकरण से जुड़े दावा किया जा रहा है। इस वीडियो में कहा जा रहा है कि रेलवे का पूरी तरह निजीकरण होने जा रहा है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि निजीकरण के बाद रेलवे मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएंगी।


केंद्र सरकार ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी करार दिया है। केंद्र सरकार के पीआईबी फैक्ट चेक ट्वीटर हैंडल के जरिए इस वीडियो में किए जा रहे दावे को पूरी तरह से फर्जी करार दिया गया है। सरकार ने कहा है कि रेलवे का पूरी तरह से निजीकरण नहीं किया जा रहा। इसके साथ ही रेलवे मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधआएं बंद नहीं होंगी।

ट्वीट में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण किया जायेगा और साथ ही मासिक पास तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएँ समाप्त कर दी जाएंगी। यह दावा फर्जी है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

इससे पहले कई मौकों पर रेलवे के निजीकरण के सवाल पर रेल मंत्री पीयूष गोयल भी कह चुके हैं कि रेलवे देश की जनता से जुड़ी हुई है और इसकी पूरी तरह कभी निजीकरण नहीं होगा। मोदी सरकार ने अगले 12 सालों में भारतीय रेलवे में 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान तैयार किया है।