सरकार ने जनवरी 2020 से महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की जो घोषणा की थी उस पर रोक लग गई। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी।

कोरोना संकट के बीच केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते पर अप्रैल में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। सरकार ने तय किया था कि कर्मचारियों का जून 2021 तक महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाया जाएगा। देश में फैले कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के कारण आर्थिक सुस्ती को देखते हुए ये फैसला लिया गया था। केंद्र सरकार के इस फैसले का 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर सीधा असर पड़ रहा है।

यानी सरकार ने जनवरी 2020 से महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की जो घोषणा की थी उस पर रोक लग गई। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी। यह 17 फीसदी से 21 फीसदी पर पहुंच गया था। अप्रैल में डीए पर लिए गए इस फैसले का मतलब साफ था कि जुलाई में डीए में कोई इजाफा नहीं होगा। जनवरी 2021 में होने वाली बढ़ोत्तरी पर भी पाबंदी लग गई है।

इस फैसले को ऐसे भी समझ सकते हैं कि सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते को अगले डेढ़ वर्ष तक पुरानी दरों पर ही रोके रखने का निर्णय किया है।सरकार के इस फैसले का असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ा रहा है। इस फैसले पर सरकार ने हालांकि यह भी कहा है कि बाद में पहले वाली व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।