रेलवे को इस बार आम बजट में बड़ी राशि मिली है तो काम भी बड़ा करने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अवधारणा के अनुसार 50 वर्ष बाद के विकसित भारत को ध्यान में रखकर रेलवे की योजनाएं बनाई जा रही हैं। खासकर रेलवे स्टेशनों का उद्धार स्थानीय विरासत की पहचान से जोड़कर किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को सुविधा और आत्म गौरव के साथ-साथ उस शहर के अर्थतंत्र को भी प्रभावी बनाया जा सके।

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1275 स्टेशन शामिल

शुरुआत में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर के 50 रेलवे स्टेशनों के कायापलट की तैयारी थी, लेकिन प्रधानंमत्री के सुझाव पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने उसे बढ़ाकर 1275 कर दिया। योजना में धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के बड़े स्टेशनों के साथ छोटे स्टेशनों को भी शामिल कर लिया गया है। मास्टर प्लान बनाकर काम किया जा रहा है, जिसे अधिकतम डेढ़ वर्ष के भीतर पूरा कर लेना है।

इसके अतिरिक्त गति, सुरक्षा, पुरानी पटरियों एवं बोगियों को बदलकर रेलवे के कायापलट की सारी योजनाओं को सात वर्षों के भीतर पूरा कर लेना है। इसीलिए रेलवे मंत्रालय को बजट में एक लाख करोड़ की राशि बढ़ाकर दो लाख 41 हजार करोड़ कर दिया गया है।

रेलवे मंत्रालय की विशेष समिति ने पहले 50 स्टेशनों के कायापलट की तैयारी की थी, लेकिन प्रधानमंत्री के समक्ष जब प्रस्तुति दी गई तो उन्होंने इसका न सिर्फ दायरा बढ़ाया बल्कि डिजाइन में भी कई बड़े बदलाव कर डाले और ऐसा ढांचा तैयार करने को कहा जिससे वह आर्थिक गतिविधि का भी केंद्र बने और सुविधाओं का भी।

स्टेशनों पर सुविधाओं का होगा अंबार

आम तौर पर रेलवे स्टेशन शहर के बीच में होता है और शहर को दो भागों में बांटता है। एक तरफ के यात्रियों को दूसरी तरफ जाने में परेशानी होती है। अब उन्हें इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि ट्रेन से उतरकर यात्री सुविधा के अनुसार किसी भी तरफ जा सकेगा या किसी भी तरफ से स्टेशन पर आ सकेगा। चयनित सभी बड़े स्टेशनों की लंबाई कम से कम छह सौ मीटर होगी।

वहीं, आसपास की संरचनाओं को हटाकर सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। रूफटाप प्लाजा, गिट्टी रहित ट्रैक का प्रबंध किया जा रहा है। अच्छी डिजाइन के साइनेज, पैदल रास्ता और पार्किंग की व्यवस्था की जा रही। महिलाओं और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा गया है। उनके लिए पर्याप्त संख्या में शौचालय बनाए जा रहे हैं।

इसके साथ ही ट्रेनों की सही सूचना के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं, ताकि किसी अन्य व्यक्ति से पूछने की जरूरत न पड़े। एक्जीक्यूटिव लाउंज, 5जी कनेक्टिविटी के साथ मुफ्त वाई-फाई एवं 24 घंटे प्रकाश की व्यवस्था होगी। विश्राम कक्ष में आरामदायक फर्नीचर लगेंगे। शौचालयों को साफ और बेहतर बनाया जा रहा। स्टेशन को ऐसे विकसित किया जाएगा कि यात्रियों को उस शहर की विरासत के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।