रेल यात्रा के दौरान कोरोना वायरस से बचाव के एहतियाती उपायों का विस्तार से जिक्र करते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनका उल्लंघन यात्रियों के लिए भारी पड़ेगा। इसके लिए उन पर भारी जुर्माना अथवा जेल की सजा हो सकती है।

त्योहारी सीजन के दौरान ट्रेनों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है जिससे यात्रियों की आवाजाही बहुत बढ़ सकती है। इसके मद्देनजर आरपीएफ ने सुरक्षा के उपाय सुझाए हैं जिनका पालन अनिवार्य होगा। इसमें मास्क पहनना और एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी होगा।

इसके बावजूद किसी में कोरोना के लक्षण पाए गए तो उसे रेलवे एक्ट के तहत सजा हो सकती है। दिशानिर्देशों का पालन रेल परिसर में प्रवेश के साथ ही अनिवार्य होगा। सही तरीके से उचित मास्क पहनना तो जरूरी है ही, उसके साथ स्टेशन अथवा ट्रेन में भीड़भाड़ से बचना भी जरूरी होगा। रेल यात्रा के पूर्व जांच के दौरान कोरोना के संभावित लक्षण पाए जाने पर यात्रा से रोका जा सकता है।

रेलवे परिसर में थूकने अथवा अन्य किसी तरह की गंदगी फैलाने पर भी दंडित किया जा सकता है। रेलवे परिसर में दूसरे की स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि पर संबंधित व्यक्ति को दंडित किया जा सकता है। ट्रेन अथवा रेलवे स्टेशनों पर कहीं भी शराब पीने वालों को सीधे एक महीने की जेल हो सकती है। दूसरे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में डालने वाले भी दंड के भागी होंगे।

बता दें कि त्योहारी सीजन में यात्रियों की बढ़ती मांग के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने मंगलवार को 392 नई फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी दे दी है। इन ट्रेनों का संचालन 20 अक्तूबर से 30 नवंबर के बीच ही होगा। यानी ये ट्रेनें चालीस दिन के लिए होंगी। ट्रेनों की सूची के साथ जारी गाइड लाइन में रेलवे ने सभी जोन को ट्रेनों की समय सारिणी और ट्रेनों के स्टापेज आदि तय करने का अधिकार सौंपा है।

रेलवे का यह फैसला नवरात्र के शुरु होने के पहले आया है। रेलवे का अनुमान है कि आगामी सप्ताह में यात्रियों की भीड़भाड़ में इजाफा होगा। आने वाले दिनों में कोलकाता, पटना, बनारस और लखनऊ से सर्वाधिक सवारियों के निकलने का अनुमान है। अक्तूबर व नवंबर महीने में दुर्गापूजा, दशहरा, दिवाली और छठपूजा जैसे बड़े त्योहार है। इस दौरान होने वाली छुट्टियों में लोगों की आवाजाही बहुत अधिक बढ़ जाती है।