अक्सर देखने को मिलता है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान हमारे बैंक अकाउंट से पैसे काट लिए जाते हैं फिर भी सीट बुक नहीं होती।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच इंडियन रेलवे धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर रहा है। ट्रेन में टिकट बुक करवाते वक्त हम कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए विशेषकर तब जब हम ऑनलाइनट टिकट बुक कर रहे हों। अक्सर देखने को मिलता है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान हमारे बैंक अकाउंट से पैसे काट लिए जाते हैं फिर भी सीट बुक नहीं होती।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादात्तर लोग ट्रेन में लोअर बर्थ की टिकट बुक करने को तवज्जो देते हैं। कई बार ये समस्या सामने आती है जब कोई शख्स लोअर बर्थ के लिए टिकट बुक करता है और रेलवे के पास वह सीट उपलब्ध नहीं है तो ऑटोमेटिकली आपकी सीट बुक नहीं होगी। यानी की जब एकसाथ कई यात्री बुकिंग के समय किसी विशेष बर्थ का विकल्प चुनते हैं और वह विशेष बर्थ उपलब्ध न हो तो ये परेशानी सामने आती है।
इस प्रॉसेस के दौरान कई बार लोगों के अकाउंट से पैसे भी काट लिए जाते हैं। आईआरसीटीसी में टिकट के ऑनलाइन भुगतान के दौरान ग्राहक की इंटरनेट बैंडविड्थ, बैंकों की आईटी प्रणाली और पेमेंट गेटवे के बीच तकनीकी और दूरसंचार नेटवर्किंग को एक साथ जोड़ना एक जटिल प्रक्रिया होती है।
यह पूरी तरह इंटरनेट कनेक्टिविटी पर निर्भर होता है। इस वजह से भी टिकट बुकिंग नहीं हो पाती और कई बार पैसे खाते से काट लिए जाते हैं। ऐसे में लोगों को समझ नहीं आता कि वे क्या करें और क्या नहीं। लेकिन रेलवे के नियम के मुताबिक इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) 7 दिन में पैसे रिफंड कर देता है।