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नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को एक जुलाई, 2021 से बढ़ाने का फैसला किया है। महंगाई भत्ते की दर को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है। यह वृद्धि डेढ़ साल के अंतराल पर की गयी है और इससे केंद्र सरकार के करीब 1.14 करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 34,401 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को एक जुलाई, 2021 से बढ़ाने का फैसला किया है। महंगाई भत्ते की दर को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है।

यह वृद्धि डेढ़ साल के अंतराल पर की गयी है और इससे केंद्र सरकार के करीब 1.14 करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 34,401 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। दोनों जुलाई 2021 से प्रभाव में आएंगे।

डीए और डीआर पर फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सरकार ने डीए और डीआर की तीन अतिरिक्त किस्तों को रोक लिया था। ये किस्तें एक जनवरी, 2020, एक जुलाई, 2020 और एक जनवरी, 2021 से बकाया थीं।

एक बयान में कहा गया है कि इस बार बकाये का भुगतान नहीं किया जाएगा क्योंकि एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि के लिए डीए/डीआर दर मूल वेतन/पेंशन पर 17 प्रतिशत की दर पर बनी रहेगी। डीए और डीआर की बढ़ी दर का जुलाई 2021 से भुगतान किया जाएगा।

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जुलाई से डीए और डीआर की तीन किस्तों को बहाल करने की मंजूरी दे दी है। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई।

महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर वित्त वर्ष 2021-22 (जुलाई, 2021 से फरवरी, 2022 तक आठ महीने की अवधि के लिए) में 22,934.56 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और प्रति वर्ष 34,401.84 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।