केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है। ये केंद्र और राज्य सरकार, संघ शासित प्रदेश, सार्वजनिक उपक्रमों, नगर निकायों और स्वायत्त निकायों के सरकारी वाहनों के लिए है। गर आप केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी हैं और सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए है।

दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है। ये केंद्र और राज्य सरकार, संघ शासित प्रदेश, सार्वजनिक उपक्रमों, नगर निकायों और स्वायत्त निकायों के सरकारी वाहनों के लिए है। इसके मुताबिक इन जगहों पर काम करने वाले कर्मचारी अपनी एक अप्रैल 2022 से अपने 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों के रजिस्ट्रेशन का नवीकरण यानी रिन्युअल नहीं करा पाएंगे।

अगर इसे अंतिम रूप दे दिया जाता है, तो यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके दायरे में वे कर्मचारी भी आएंगे, जिन्हें सातवें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी मिल रही है। ये प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार स्क्रैपिंग पॉलिसी को लागू करने पर जोर दे रही है। बीते एक फरवरी को पेश आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाहन कबाड़ नीति की घोषणा की है। इसके तहत निजी वाहनों का 20 साल बाद और कमर्शियल वाहनों का 15 साल पूरे होने पर फिटनेस परीक्षण कराना जरूरी है।

कर्मचारियों को मिलने वाले हैं पैसे: बता दें कि कर्मियों और पेंशनर्स के लिए डीए की तीन बकाया किस्त जुलाई 2021 से जारी किया जाएगा। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया था कि डीए और डीआर को फ्रीज करने से सरकार को 37,530.08 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली है। इस राशि से सरकार को कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में मदद मिल रही है।