रेलकर्मियों और उनके स्वजन के लिए राहत भरी खबर है। अब कर्मचारियों के आश्रितों (पत्नी और बच्चे आदि) को अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्हें न विभाग का चक्कर लगाना पड़ेगा और न ही इंतजार करना होगा। निर्धारित समय 90 दिन के अंदर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वर्ष 2021-22 में 268 आश्रितों को नौकरी दी गई है। जिसमें लखनऊ मंडल के कोविड संक्रमण से मृत 22 रेलकर्मियों के आश्रित भी शामिल हैं।

रेल कर्मचारियों के बच्चों को तकनीकी शिक्षा के लिए 18 की जगह अब दिया जा रहा 30 हजार

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार अनुकंपा के आधार पर नौकरी में राहत के लिए लखनऊ मंडल ने सहयोग एप विकसित किया है। सहयोग एप से रेलकर्मियों के आश्रितों को सहयोग मिलने लगा है। उन्हें विभाग का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा। घर बैठे उन्हें समापक भुगतान और अनुकंपा से संबंधित सारी अपडेट जानकारी मिल जा रही। इस एप से रेलवे को भी फीडबैक मिल जा रहा है। कर्मचारियों की गंभीर बीमारी और बच्चों के तकनीकी व्यवसायिक शिक्षा के लिए भी मिलने वाली सहायता राशि भी बढ़ा दी गई है।

तकनीकी शिक्षा के लिए 18 की जगह अब 30 हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। 14525297 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। कैंसर व अन्य गंभीर बीमारी होने पर रेलकर्मियों व उनके स्वजन को दो लाख रुपये का सहयोग किया जा रहा है। वर्तमान वित्त वर्ष में 2415800 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 105 मामलों में केंद्रीय कर्मचारी कल्याण निधि से प्रत्येक मृत रेल कर्मचारी के आश्रितों को 200000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।

कर्मचारियों को कृत्रिम शारीरिक उपकरण के लिए 26.58 लाख की आर्थिक सहायता दी गई

कर्मचारियों के शारीरिक एवं मानसिक दिव्यांग बच्चों एवं कर्मचारियों को कृत्रिम शारीरिक उपकरण एवं अन्य सहायक उपकरणों के लिए 2658800 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। कठिन परिस्थितियों, बीमारियों आदि में अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 4992467 की आर्थिक सहायता दी गई। 15 दिसंबर को आयोजित पेंशन दिवस के तहत 8646324 रुपये का भुगतान कर दिया गया है। जुलाई 2021 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस) पोर्टल से समापक राशि का भुगतान किया जा रहा है।