अप्रैल से पूर्वोत्तर रेलवे में ई पास अनिवार्य हो जाएगा। हालांकि रेलवे प्रशासन ने अगस्त 2020 को ही एचआरएमएस लांच कर दिया था। ई पास पर आइआरसीटीसी के वेबसाइट पर टिकट भी बुक हो जाएगा। यानी टिकट के लिए भी काउंटर के सामने लाइन नहीं लगानी पड़ेगी।

रेलवे ने मैनुअल पास बनवाने की तिथि बढ़ा दी है। अब रेलकर्मी 31 मार्च 2021 तक पास और पीटीओ (सुविधा टिकट आदेश)  मुैनअल  (हाथ से बना) बनवा सकेंगे। सेवानिवृत्त रेलकर्मियों को यह सुविधा पहले से दी जा रही है। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस) में सभी कर्मचारियों का विवरण दर्ज नहीं होने और ई-पास बनाने में आ रही दिक्कतों के चलते रेलवे ने यह निर्णय लिया है। दरअसल, रेलवे बोर्ड एचआरएमएस पर ही पास जारी करने पर जोर दे रहा है। भारतीय रेलवे के कुछ डिविजनों में यह अनिवार्य भी हो गया है।

सबकुछ ठीक रहा तो अप्रैल से पूर्वोत्तर रेलवे में भी ई पास अनिवार्य हो जाएगा। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने 10 अगस्त 2020 को ही एचआरएमएस लांच कर दिया था।  सितंबर से सिस्टम में दर्ज कर्मचारियों को ई पास की सुविधा भी मिलने लगी। एक जनवरी से सभी रेलकर्मियों को ई पास व ई टिकट की सुविधा मिलने वाली थी। लेकिन रेलवे प्रशासन की तैयारी अभी पूरी नहीं हो पाई है। फिलहाल, ई  पास से रेलकर्मियों की दिक्कतें समाप्त हो जाएंगी। विभाग का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। पास के लिए बाबुओं का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ई पास पर आइआरसीटीसी के वेबसाइट पर टिकट भी बुक हो जाएगा। यानी, टिकट के लिए भी काउंटर के सामने लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। पूर्वोत्तर रेलवे में करीब 50 हजार कर्मचारी तैनात हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मी भी हैं, जिन्हें पास की सुविधा मिलती है।

रेलकर्मियों के मोबाइल पर मिलेगी सैलरी स्लिप वेतन बनते ही रेलकर्मियों के मोबाइल पर सैलरी स्लिप मिल जाएगी। साथ ही कर्मचारी व्यक्तिगत विवरण, भविष्य निधि, लोन व अवकाश की भी विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने रेलवे इंपलाइज सेल्फ सर्विस एप (आरईएसएस) तैयार किया है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार कोई भी कर्मी अपने मोबाइल पर एप डाउनलोड कर रेलवे की इस सुविधा का लाभ उठा सकता है। अब उन्हें सैलरी स्लिप व अन्य संबंधित जानकारियों के लिए भागकर विभाग नहीं आना होगा।