पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल व जबलपुर मुख्यालय में बीते 8 माह से रेल कर्मियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए होने वाली स्थाई वार्तातंत्र की बैठक पीएनएम नहीं हो सकी है। इस कारण रेल कर्मचारियों की समस्याएं लंबित हैं। रेल प्रशासन ने पीएनएम मीटिंग नहीं करने का कारण कोरोना काल बताया रहा है, जबकि कई रेलवे में वर्चुअल व सामान्य रूप से बैठक हो रही है।

रेलवे के नियम के अनुसार जबलपुर मुख्यालय में रेलवे जीएम को रेल कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ हर 3 माह में बैठक होने का नियम है। इसमें कर्मचारी पदोन्नति रिक्त पदों को भरने संसाधनों की कमी सहित अन्य समस्याएं रखते हैं। मीटिंग में जिन मुद्दों पर चर्चा होनी होती है। वे पहले ही सलेक्ट कर लिए जाते हैं। इसी तरह मंडल स्तर पर पीएनएम की मीटिंग हर 2 महीने में होती है, लेकिन पिछले 8 माह से कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए किसी तरह की मीटिंग आयोजित नहीं हो सकी है।

  • रेलवे मंत्रालय के नियमानुसार रेल कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर मीटिंग करने का प्रावधान है, लेकिन कोरोना के बहाने कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए किसी तरह की मीटिंग 9 मार्च से नहीं हो सकी है। इस कारण नए पद सृजित नहीं हो रहे। प्रशासन मनमाने निर्णय कर कर्मचारियों पर आदेश थोप रहे हैं, जबकि दूसरे जॉन में रेलवे यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग में हो रही हैं। रेलवे बोर्ड में मीटिंग में हो रही हैं। चुनाव हो रहे हैं काउंटिंग हो रही है। – मुकेश गालव, सहायक महामंत्री एआईआरएफ