अब पेंशनर्स को कोषागार, बैंक या अन्य किसी विभाग में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक के जरिए इस काम को पूरा किया जा सकता है।

कोरोना संकट के चलते केंद्रीय पेंशनर्स को पुरानी दर पर ही मंहगाई भत्ते (डीए) का भुगतान किया जा रहा है। मौजूदा दर 21 फीसदी है लेकिन कोरोना संकट के चलते जून 2021 तक 17 फीसदी भुगतान तय है। पेंशनर्स ही नहीं इस साल केंद्रीय कर्चारियों को भी डीए पर निराशा हाथ लगी है। डीए पर निराश पेंशनर्स को हालांकि मोदी सरकार ने इस साल अबतक अन्य फायदे दिए हैं।

पेंशनर्स अब ‘डिजीलॉकर’ में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को स्टोर कर सकते हैं। दरअसल कई पेंशभोगियों ने समय के साथ-साथ अपनी पीपीओ की ऑरिजनल कॉपी को खो दिया है जिसके बाद उन्हें पेंशन से जुड़े कार्यों को करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर लॉकडाउन के दौरान तो पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इस संबंध में ज्यादा शिकायतें पाईं।

ऐसे में अब इस व्यवस्था के लागू होने के बाद अब पेंशनर्स को पीपीओ की फिजिकल कॉपी देने की अनिवार्यता नहीं रह गई है। इसके अलावा सरकार ने पेंशनर्स को राहत देते हुए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए पोस्टमैन के जरिए डोर स्टेप सर्विस को शुरू किया है। अब पेंशनर्स को कोषागार, बैंक या अन्य किसी विभाग में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक के जरिए इस काम को पूरा किया जा सकता है। पोस्टमैन पेंशनर्स के घर पर पहुंचकर ऑनलाइन ही सर्टिफिकेट सबमिट करेंगे। इस सर्विस के लिए पेंशनर्स को कुछ अमाउंट भी भरना होगा।