कोरोना महामारी के दौर में रेलवे बोर्ड भी अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो गया है। बोर्ड ने अपने कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) कराने का निर्णय लिया है। इसमें अगर कर्मचारी का बीमारी के चलते निधन हो जाता है तो उनके आश्रितों को बीमा की रकम दी जाएगी। इस नीति को लागू करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी। इस योजना को लेकर रेलवे के मान्यता प्राप्त संगठनों से भी सुझाव मांगे गए हैं।

कोरोना संक्रमण से पूरा देश प्रभावित है। लाखों लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। इसमें रेल कर्मचारी भी शामिल हैं। संक्रमण की चपेट में आने से कई कर्मचारियों की मौत भी हो गई। इसके चलते अब रेल मंत्रालय अपने कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा कराने पर विचार कर रहा है। इस योजना को लागू करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें कार्यकारी निदेशक (स्वास्थ्य), कार्यकारी निदेशक (वित्त) व कार्यकारी निदेशक को शामिल किया गया है। समिति अपनी रिपोर्ट में बीमा का प्रारूप, बीमा की राशि व प्रीमियम का लेखाजोखा तैयार करेगी। ये समिति अपनी रिपोर्ट जल्द ही रेलवे बोर्ड को सौंपेगी। इस योजना के लिए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन व नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस से भी सुझाव मांगे गए हैं। रेलवे में 13.50 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें झांसी रेल मंडल के 21 हजार कर्मचारी शामिल हैं।

  • वर्तमान स्थितियों को देखते हुए कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा होना बहुत आवश्यक है। इस योजना को जल्द लागू होना चाहिए। आरएन यादव, मंडल सचिव, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन।