कर्चमारियों का सवाल है कि क्या इस एलटीसी कैश वाउचर स्कीम का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को छुट्टी लेना आवश्यक है? क्या किसी कर्मचारी को ट्रैवल करने की जरूरत है?

केंद्रीय कर्मचारियों को फेस्टिव सीजन के लिए मोदी सरकार ने ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) कैश वाउचर स्कीम ऑफर की है। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को सरकार कुछ फायदे दे रही है। स्कीम की घोषणा के बाद से कर्मचार इसकी शर्तों पर असमंजस की स्थिति में हैं लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है।

दरअसल कर्चमारियों का सवाल है कि क्या इस एलटीसी कैश वाउचर स्कीम का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को छुट्टी लेना आवश्यक है? क्या किसी कर्मचारी को ट्रैवल करने की जरूरत है? इस वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले व्यय विभाग ने जानकारी दी है कि इस स्कीम का फायदा लेने के लिए कर्मचारियों को कहीं ट्रैवल करने या फिर छुट्टी लेने की जरूरत नहीं। कर्मचारियों को ब्लॉक 2018-21 के दौरान छुट्टी-यात्रा किराए भत्ते के बदले ये स्पेशल पैकेज ऑफर किया गया है।

दरअसल एक कर्मचारी को लीव ट्रैवल कंसेशन या लीव ट्रैवल अलाउंस का फायदा तभी मिलता आया है जब तक की वह छुट्टी लेकर यात्रा न करें। एलटीसी के लिए अप्लाई करने के बाद यात्रा करना जरूरी होता है। अगर यात्रा नहीं की जाती तो एलीटीसी के लिए कर्मचारी पात्र नहीं माना जाता और इसका पैसा उसके खाते से काट लिया जाता है। लेकिन सरकार ने इस बार एलटीसी के एवज में कैश वाउचर ऑफर किए हैं ऐसे में व्यय विभाग के स्पष्टीकरण के बाद कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।

इस स्कीम के तहत कर्मचारी छुट्टियों के बदले रेल या हवाई किराए के 3 गुना के बराबर वैल्यू का गुड्स या सर्विसेस खरीद सकते हैं। यानी की बिना किसी जगह की यात्रा किए आप टैक्स बचत का लाभ ले सकते हैं। वहीं ऐसा जिन सामान पर जीएसटी 12 फीसदी या इससे ज्यादा हो, कर्मचारी उन्हें ही कैश वाउचर स्कीम के जरिए खरीद सकते हैं।