चितरंजन रेल इंजन कारखाना ( Chittaranjan Locomotive works) ने रेल इंजन के निर्माण में नया अध्याय जोड़ दिया है। कारखाना ने देश में सबसे तेज गति से दाैड़ने वाला रेल इंजन तेजस (Tejas Rail Engine) तैयार किया है। इस तेज गति वाले अत्याधुनिक एरोडाइनेमिक डिजाइन युक्त तेजस रेल इंजन को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया है। इसके साथ ही रफ्तार के मामले में रेलवे में नए युग की शुरुआत हो गई। इस इंजन को तेजस एक्सप्रेस के लिए तैयार किया गया है। भविष्य में राजधानी, शताब्दी समेत लंबी दूरी और तेज गति की खास ट्रेनों में इसका उपयोग हो सकता है।

इंजन की लागत 35 करोड़ तेजस इंजन (डब्लूएपी-5/35012 एंड 35013) को रेल इंजन कारखाना चिरेका के महाप्रबंधक प्रवीण कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को चिरेका साइडिंग  से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर चिरेका के अधिकारी व अन्य लोग मौजूद थे। इंजन आधुनिक आइजीबीटी प्रोपलसन की वजह से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दूरी तय करने में सक्षम है। इसका निर्माण भारतीय रेल के तेजस प्रेस्टिजियस, प्रीमियम यात्री ट्रेन में सफल इस्तेमाल को ध्यान में रखकर किया गया है, जो रेल यात्री सेवा में नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। दो इंजनों से युक्त शक्तिशाली तेजस के प्रति इंजन की क्षमता 6000 हॉर्स पावर है। करीब 35 करोड़ की लागत से चिरेका ने इसका निर्माण किया है।

इको फ्रेंडली इंजन, चालक दल के लिए बेहतरीन तेजस भारतीय रेल और विश्व रेल के मानचित्र पर पहला ऐसा विद्युत रेल इंजन है, जो गति क्षमता, मॉडल, डिजाइन, तकनीक, रंग-रूप, रूपांतरण और क्षमता के हिसाब से बिल्कुल नया और अद्वितीय है। पुश-पुल सिस्टम पर आधारित इस विद्युत रेल इंजन की खासियत यह है कि यह दोनों ही छोर से संचालित किया जा सकता है। यह चालक दल को बेहतरीन और सुविधाजनक सेवा उपलब्ध कराने वाला ध्वनिरहित, प्रदूषण मुक्त, इको फ्रेंडली और ग्रीन है।

इंजन से ही बोगी व पैंट्री को होगी बिजली की आपूर्ति तेजस रेल इंजन कम लागत व रखरखाव में ज्यादा ऊर्जा-शक्ति देने वाला अत्याधुनिक इंजन है। इस इंजन की ट्रेन में कोई अतिरिक्त जेनरेटर कार की जरूरत नहीं होने से रेलवे के खर्च में कमी आएगी और राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा। तेजस रेल इंजन से ही बोगी व पैंट्री कार को बिजली आपूर्ति हो सकेगी।