रेल कर्मचारियों को इस साल 78 दिन का बोनस मिलेगा। लेकिन बोनस की ऊपरी सीमा 17,951 रुपये ही होगी। पिछले साल भी कर्मचारियों को 78 दिन का ही बोनस मिला था।

हाइलाइट्स:

  • रेलवे के कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 के लिए 78 दिन का बोनस मिलेगा
  • रेल मंत्रालय ने बोनस की सीलिंग 17,951 रुपये तय किया है
  • हालांकि, कोरोना काल में जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों का डीए काटा गया है, उसे देखते हुए अनुमान था कि शायद इस साल बोनस का भुगतान नहीं हो
  • इसे देखते हुए रेल कर्मचारियों ने इसके लिए कई दिन पहले से ही आंदोलन शुरू कर दिया था

रेलवे के कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 के लिए 78 दिन का बोनस मिलेगा। हालांकि, कोरोना काल में जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों का डीए (DA) काटा गया है, उसे देखते हुए अनुमान था कि शायद इस साल बोनस (Bonus) का भुगतान नहीं हो। इसे देखते हुए रेल कर्मचारियों ने इसके लिए कई दिन पहले से ही आंदोलन शुरू कर दिया था। साथ ही बोनस नहीं दिए जाने की सूरत में 22 अक्टूबर को देश भर में रेल का चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस आशय का फैसला हो गया।

अधिकतम बोनस 17,951 रुपये ही
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेल कर्मचारियों को इस साल 78 दिन का बोनस मिलेगा। लेकिन बोनस की उपरी सीमा 17,951 रुपये ही होगी। पिछले साल भी कर्मचारियों को 78 दिन का ही बोनस मिला था और उसकी सीलिंग 17,951 रुपये ही तय की गई थी। मंत्रालय का कहना है कि रेलवे के सभी अराजपत्रित कर्मचारी (Non Gazetted Employees) इसके दायरे में आएंगे। इससे कुल 11.58 लाख रेल कर्मचारियों को फायदा होगा।

हर साल दशहरे से पहले घोषित होता है बोनस
रेलवे के कर्मचारियों को दशहरे के पहले ही बोनस का भुगतान हो जाता है। पिछले कई दशकों से इसका पालन हो रहा है। लेकिन इस बार कोरोना संकट की वजह से सरकार खर्च पर लगाम लगाए हुए है। इसलिए लग रहा था कि रेल कर्मचारियों के साथ साथ सभी केंद्रीय कर्मचारियों को इस बार बोनस नहीं मिलेगा। लेकिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केबिनेट की हुई बैठक में आज बोनस देने के प्रस्ताव हो हरी झंडी दे दी गई।

शुरू हो गया था प्रदर्शन
रेलवे कर्मचारियों ने बीते मंगलवार को ही बोनस के भुगतान में देरी होने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया था। रेलवे मान्यता प्राप्त यूनियन एआईआरएफ ने कहा था कि अगर बोनस तत्काल जारी नहीं किया गया तो वह विरोध को और तेज करने के लिए मजबूर होंगे और सीधी कार्रवाई करेंगे। सीधी कार्रवाई का मतलब है रेल का चक्का जाम। शिव गोपाल मिश्र यूनियन के नेता ने बोनस मिलने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अगर इस वर्ष रेलवे कर्मचारियों ने बोनस के लिए संघर्ष का माहौल न बनाया होता तो बोनस का हाल महंगाई भत्ते जैसा होता।