कोरोना काल में भारतीय रेलवे की हालत बहुत खराब हो चुकी है। हालात कितने खराब हो चुके हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि रेलवे की कमाई कोरोना काल से पहले के महज 10 फीसदी के बराबर रह गई है। बल्कि यूं कहिए कि रेलवे की कमाई ऑल टाइम लो को छू चुकी है। एक ओर रेलवे की माल ढुलाई पर तगड़ा असर पड़ा है, वहीं बहुत सारी यात्री ट्रेनें अभी भी खड़ी हैं, जिसके चलते रेलवे की आय को तगड़ा झटका लगा है।

कमाई बहुत अधिक गिरने वजह से रेलवे ने करीब 2700 करोड़ रुपये के कोच अपग्रेड करने के काम को भी रोक दिया है। रेलवे ने अभी स्मार्ट कोच, बायो वैक्यूम टॉयलेट, एंटी ग्रैफिटी कोटिंग और कोच के रीफर्बिशमेंट को कुछ समय के लिए टाल दिया है। वहीं यात्रियों की सुविधाओं से जुड़े प्रोजेक्ट या फिर अन्य तरह के किसी भी प्रोजेक्ट को फिलहाल के लिए या तो टाल दिया है, या फिर उसे रद्द ही कर दिया है।

हालांकि, रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री को 100 स्मार्ट कोच बनाने का काम सौंपा गया है। वहीं 200 अन्य नए स्मार्ट कोच बनाने के फैसले के टाल दिया गया है। बता दें कि स्मार्ट कोच में सेंसर लगे हैं, जो बैरिंग, पहिया या फिर रेलवे ट्रैक में किसी भी गड़बड़ी को तुरंत डिटेक्ट कर सकते हैं। इन स्मार्ट कोच के जरिए रेलवे की एफिशिएंसी और बढ़ेगी।