यदि आप या आपके घर में कोई केंद्रीय कर्मचारी है तो आप अक्सर सातवें वेतन आयोग से जुड़ी खबरों को सुनते या पढ़ते रहते होंगे। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर सहित अन्य राज्य कर्मचारी भी सातवें वेतन आयोग के बारे में खबरें सुनते रहते होंगे। आपको बता दें कि सातवां वेतन आयोग वर्ष 2014 में गठित किया गया था। इसका मुख्य ध्येय समस्त केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन एवं रैंक आदि की एक ठोस व्यवस्था को तय करना था। गठन के बाद आयोग के सदस्यों ने समस्त पक्षों से भेंट करके उनकी बातों को सुना, समझा। इस प्रक्रिया में इंट्री स्तर के कर्मचारियों के लिए पे-स्केल तय करना, मौजूदा पे-स्केल को और अधिक रेशनल बनाना एवं वेतन के स्ट्रक्चर को ट्रांसपेरेंट करना आदि मांगें सामने आईं। सातवें वेतन आयोग ने उस दौरान अपनी सिफारिशों में एंट्री लेवल के नए सरकारी कर्मचारियों के लिए मिनिमम वेतन को 7 हजार रु से बढ़ाकर 18 हजार रुपए कर दिया था। इसके साथ ही नए नियुक्त हुए क्लास-वन अधिकारी के लिए भी मिनिमम वेतन की सीमा को 56 हजार 100 रुपए कर दिया गया था। इतना ही नहीं, आयोग ने शासकीय कर्मचारियों के लिए मैक्सिमम सैलेरी को भी बढ़ाते हुए ढाई लाख रुपए करने का प्रस्ताव दिया था।
पे-मैट्रिक्स के बाद आए ये बदलाव इसके बाद आयोग ने ग्रेड पे के स्ट्रक्चर से संबंधित कुछ समस्याओं को दृष्टिगत रखा और पे-मैट्रिक्स की भी सिफारिश की थी। इसके बाद ही यह तय हुआ कि सातवें वेतन आयोग को लागू करने के बाद ही केंद्र के कर्मचारी का जो स्टेटस है वह ग्रेड पे की बजाय अब पे-मैट्रिक्स से तय माना जाता है। आयोग ने कई बातों को ध्यान में रखा और इसके बाद नए ‘Pay Matrix’ पे-मैट्रिक्स को घोषित किया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ग्रेड पे को एक ही में जोड़कर विलय कर दिया गया। अब कर्मचारी अपने वेतन के स्तर को जान सकते हैं। वे भविष्य में होने वाले इंक्रीमेंट के संबंध में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जानिये इस नए ‘Pay Matrix’ की अहम बातें नए पे-मैट्रिक्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि नए कर्मचारी भी अब सेवाकाल के आरंभ से ही संपूर्ण कार्यकाल के दौरान होने वाली तरक्की के बारे में पूर्व आकलन कर सकेंगे। आयोग ने सिफारिशों में यह भी कहा कि किसी भी कर्मचारी की प्रगति बाधित नहीं होना चाहिये एवं उसे मेरिट के आधार पर आगे बढ़ने के अच्छे अवसर प्राप्त हों, इसका ध्यान रखा जाए। इन सिफारिशों के अनुसार अलग-अलग ग्रेड पे से अलग समस्त स्तर के ग्रेड पे को एक ही पे-मैट्रिक्स में शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए, सिविलियन कर्मचारियों, सुरक्षा बलों एवं मिलेट्री नर्सिंग सेवाओं MNS के लिए पृथक-पृथक पे-मैट्रिक्स को तैयार किया गया है। आयोग की सिफारिशों के अनुसार इस स्ट्रक्चर को इस प्रकार तैयार किया गया है कि प्रत्येक कर्मचारी इस प्रस्तावित मैट्रिक्स में अपना स्थान खोज सकते हैं।