पेंशन के लिए आंध्र प्रदेश के माडल पर लग सकती है मुहर

एनपीएस के स्वरूप में बदलाव को लेकर वित्त मंत्रालय में पहले से विचार-विमर्श चल रहा है। खासकर ल आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से स पेंशन के नए माडल की पेशकश ल के बाद यह चर्चा और तेज हो गई को है। आंध्र माडल के लागू होने से कर्मचारियों को आखिरी वेतन का 33 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रस्ताव है, जबकि अभी एनपीएस के तहत कर्मचारियों को यह पता नहीं होता है कि रिटायर होने के बाद उसे कितनी पेंशन मिलेगी। इसकी वजह यह है कि पेंशन फंड का प्रबंधन करने वाला पीएफआरडीए उनके योगदान वाली राशि को मार्केट में लगाता है और यह मार्केट लिंक्ड है ।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से आंध्र माडल पर विचार को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार में सबकुछ के लिए दरवाजा खुला है। मंत्रालय को आंध्र प्रदेश सरकार का पेंशन माडल मिला है और मंत्रालय उस पर विचार कर रहा है। वित्त मंत्रालय

विचार-विमर्श

• आंध्र प्रदेश सरकार ने आखिरी वेतन का 33 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने की है पेशकश

पुरानी प्रणाली में कर्मचारी को आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के तौर पर मिलता है

के सूत्रों के मुताबिक इस माडल की खास बात यह है कि इसको अपनाने से सरकार पर पूरी तरह भार नहीं आएगा, क्योंकि इसमें भी कर्मचारियों की तरफ से योगदान लेने का प्रस्ताव है। जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) पूरा भार सरकार को उठाना पड़ता है। ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के तौर पर मिलता है। और इस पेंशन प्रणाली में कर्मचारी किसी तरह का योगदान भी नहीं देता है। यह पूरी तरह से करदाता के पैसे से दी जाती है और महंगाई भत्ता बढ़ने पर उनकी पेंशन भी बढ़ती जाती है। अभी देश में ओपीएस के तहत 70 लाख से अधिक पेंशनभोगी है। MAGZTE