DA Hike: 1 मार्च को हुई केंद्रीय कैब‍िनेट की बैठक के बाद केंद्रीय कर्मचार‍ियों और पेंशनर्स के डीए (DA)और डीआर (DR) को लेकर क‍िसी तरह का ऐलान नहीं क‍िया गया. इस पर सूत्रों ने दावा क‍िया क‍ि बैठक में 4 प्रत‍िशत डीए बढ़ाने पर मुहर लग गई है.

अगर आपके पर‍िवार में कोई केंद्रीय कर्मचारी है या आप खुद केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो आपके ल‍िए खुशखबरी है. यह खुशखबरी केंद्रीय कर्मचार‍ियों के 18 महीने के बकाया डीए से जुड़ी है. दरअसल, 1 मार्च को हुई केंद्रीय कैब‍िनेट की बैठक के बाद केंद्रीय कर्मचार‍ियों और पेंशनर्स के डीए (DA)और डीआर (DR) को लेकर क‍िसी तरह का ऐलान नहीं क‍िया गया. इस पर सूत्रों ने दावा क‍िया क‍ि बैठक में 4 प्रत‍िशत डीए बढ़ाने पर मुहर लग गई है. लेक‍िन इस पर होली से पहले पीएम मोदी ही ऐलान करेंगे.

डीए एर‍ियर पर अभी तक कोई घोषणा नहीं
कैब‍िनेट बैठक से जुड़े सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं क‍ि सरकार फ‍िलहाल जनवरी से लागू होने वाले डीए को कुछ समय के ल‍िए टाल सकती है. इसील‍िए अभी इसको लेक‍र क‍िसी तरह की घोषणा नहीं की गई. कर्मचारी संगठन यह उम्‍मीद कर रहे हैं क‍ि शायद सरकार इस बार 18 महीने के बकाया एर‍ियर को देने का ऐलान कर दें. दरअसल, केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से 18 महीने के एर‍ियर को देने की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें सरकारी कर्मचार‍ियों को कोरोना काल के दौरान जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक महंगाई भत्‍ता नहीं द‍िया गया था.

फ‍िलहाल कर्मचार‍ियों को म‍िलता है 38 प्रत‍िशत डीए
महंगाई भत्‍ते के इस दौरान के डीए को लेकर केंद्रीय कर्मचारी और उनके संगठन मांग करते रहे हैं. प‍िछले द‍िनों सरकार ने भी इस पर अपना पक्ष स्‍पष्‍ट क‍िया था. आपको बता दें फ‍िलहाल कर्मचार‍ियों को 38 प्रत‍िशत डीए के ह‍िसाब से पैसा म‍िलता है. जनवरी से इसके 4 प्रत‍िशत बढ़कर 42 प्रत‍िशत होने की उम्‍मीद है. लेक‍िन अभी तक इसकी घोषणा नहीं होने पर यह भी उम्‍मीद की जा रही है क‍ि होली से पहले सरकार 18 महीने के डीए एर‍ियर पर कोई अच्‍छी खबर दे दें.

प‍िछले द‍िनों डीए एर‍ियर पर केंद्रीय व‍ित्‍त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था क‍ि कर्मचारी संगठनों की तरफ से लगातार 18 महीने का एर‍ियर जारी करने की मांग की जा रही है. उन्‍होंने बताया था क‍ि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के कारण महंगाई भत्‍ते की तीन क‍िस्‍त को जारी नहीं करने का फैसला ल‍िया था. उन्होंने बताया कोरोनो के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है.