केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 2030 तक 27 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी करने के लिए इस साल लगभग 84,000 बोगियों के लिए अब तक का सबसे ज्यादा ऑर्डर दिया है। ASSOCHAM के एक कार्यक्रम ‘रेल द्वारा माल-ढुलाई-2030 तक 45 प्रतिशत माल ढुलाई में हिस्सेदारी हासिल करने की राह’ में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को इस साल 1,500 मिलियन टन की अब तक की सबसे अधिक लोडिंग हासिल करने की उम्मीद है।

जरदोश ने कहा कि अब तक रेल का उपयोग अधिक मात्रा में सामान ढोने में होता है, लेकिन हाल के दिनों में कई सामान जो सड़क मार्ग से भी जाते हैं, उन्हें भी रेल पर लाया जा सकता है, खासकर उपभोक्ता सामान जिन्हें कंटेनर के जरिए आसानी से एक शहर से दूसरे शहर भेजा जा सकता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, रेलवे के हिस्से को 45 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए मूल रूप से चार चीजें आवश्यक हैं – ट्रैक उपलब्धता, बोगी और रेक, टर्मिनल उपलब्धता और विभिन्न माल योजनाएं।

वरिष्ठ नागरिकों को हो सकता है फायदा?

माल ढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में रेलवे की कमाई बढ़ने पर वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली छूट फिर से बहाल की जा सके। रेल राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि तेजी से पूरी होने वाली परियोजनाएं देश के कोने-कोने को जोड़ेगी, यह कहते हुए कि वर्ष 2006 से 2014 तक, रेलवे ने 4,557 किमी ट्रैक का दोगुना किया, जबकि 2014 से अब तक, 13,080 किमी का ट्रैक दोहरीकरण किया जा चुका है।