NPS:अगले साल मई-जून में आएगी योजना, बाजार में गिरावट से नहीं होगा निवेशकों को नुकसान। 10 साल के सरकारी बॉन्ड के आधार पर तय होगी दर। शुरुआती साल के लिए दर 5 फीसदी के करीब रह सकती है।

नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS के तहत प्रस्तावित न्यूनतम तय रिटर्न योजना (मार्स) में निवेशकों की दोहरी सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। इसके तहत बाजार में गिरावट आने पर भी निवेशकों को तय रिटर्न मिलेगा। साथ ही तेजी आने पर होने वाला लाभ भी निवेशकों को मिलेगा। इसके अलावा इसकी ब्याज दर हर साल तय होगी। पीएफआरडीए ने इसकी जानकारी दी है। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए एनपीएस के तहत अगले साल मई-जून तक दुनिया की पहली न्यूनतम तय रिटर्न योजना (मार्स) शुरू करेगा।

10 साल से पहले योजना में कोई बदलाव नहीं

नियानक का कहना है कि इसपर रिटर्न की गारंटी केवल एक साल के लिए तय है और यह हर साल तय होगी। यदि मौजूदा समय में गारंटी पांच फीसदी तय की गई है तो यह एक साल की अवधि के लिए मान्य होगी और उसके बाद इसे ऊपर या नीचे किया जा सकता है। नियामक का कहना है इसके लिए दस साल की लॉक-इन अवधि यानी 10 साल से पहले योजना में कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे और निकासी नहीं कर सकेंगे।

इसमें रिटर्न सरकार के 10 वर्षीय बॉन्ड को ध्यन में रखते हुए तय किया जाएगा। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तय रिटर्न योजना में जोखिम को देखते हुए पीएफआरडीए बीमा कंपनियों की तरह फंड प्रबंधन कंपनियों के लिए दिवाला मानदंड पेश करेगा क्योंकि यह पहली बार है जब न्यूनतम तय रिटर्न योजना आ रही है। वर्तमान में एनपीएस के तहत योजनाएं किसी भी प्रकार के रिटर्न या लाभ की गारंटी नहीं देती हैं क्योंकि वह बाजार से जुड़ी होती हैं।

दर तय करने का मानक ऐसा होगा

पीएफआरडीए का कहना है कि गारंटेड रिटर्न सरकार के 10 वर्षीय बॉन्ड से कम होगा। अगर दस साल का सरकारी बॉन्ड 7.5 फीसदी ब्याज देता है तो 2.5 फीसदी का अंतर रखते हुए एनपीएस की इस नई योजना में गारंटेड रिटर्न पांच फीसदी हो सकता है।

बाजार में गिरावट से निवेशकों को नुकसान नहीं

दुनिया की पहली इस गारंटेड योजना में निवेशकों के हितों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। पीएफआरडी का मानें तो अगर बाजार बेहतर प्रदर्शन करता है और रिटर्न की दर पांच फीसदी से ज्यादा रहती है तो इससे हुआ लाभ निवेशकों को दिया जाएगा। वहीं यदि बाजार खराब प्रदर्शन करता है तो उस स्थिति में निवेशकों को पांच फीसदी तय रिटर्न जरूर मिलेगा। पीएफआरडीए का कहना है कि ऐसी स्थिति में नुकसान की भरपाई फंड मैनेजर यानी फंड प्रबंधन करने वाली कंपनी की होगी।

एनपीएस में टैक्स छूट का अतिरिक्त लाभ

सरकार ने एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट का प्रावधान कर रखा है। आयकर की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये की तक की अधिकतम छूट मिलती है। इसमें एनपीएस, पीएफ, जीवन बीमा और होम लोन का मूलधन भुगतान भी शामिल है। एनपीएस में 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट इस सीमा के अलावा है।