7th pay commission: पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए राज्य स्तर पर आंदोलन चल रहे हैं. पिछले कुछ समय में कुछ राज्यों ने इसे दोबारा लागू किया है. लेकिन, अभी भी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इसका सफर लंबा दिख रहा है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस पर सहमति बन सकती है.

केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) के लिए त्योहारी सीजन में गुड न्यूज आई है. आने वाले दिनों में उन्हें फिर से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme-OPS) का फायदा मिल सकता है. सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार (Modi Government) साल 2024 से पहले इस पर विचार कर सकती है. कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही डिमांड को पूरा करने के लिए मंत्रालय से मशवरा मांगा है. केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय से पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर राय मांगी थी. इसमें पूछा गया था कि कौन से डिपार्टमेंट में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू की जा सकती है. हालांकि, मंत्रालय  की तरफ से अभी इस पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. वहीं, संसद के बीते सत्र में वित्र राज्य मंत्री भागवत कराड ने इस बात से इनकार किया था कि सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने पर विचार कर रही है.

कब लागू हो सकती है पुरानी पेंशन योजना?

सूत्रों की मानें तो भले ही केंद्र सरकार अभी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दे रही है. लेकिन, चुनावों में जिस तरह विपक्ष इस मुद्दे को भुना रहा है, उससे आने वाले दिनों में इसका असर देखने को मिल सकता है. यही वजह है कि केंद्र सरकार उन सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme, OPS) देने पर विचार कर सकती है, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले जारी किए गए थे. पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक, पुरानी पेंशन का मुद्दा काफी बड़ा है. इस पर कानून मंत्रालय से राय मांगी गई थी. मंत्रालय के जवाब के बाद ही इस पर कोई फैसला हो सकता है.

कौन से कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे?

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्र सरकार ने मामले को कानून मंत्रालय के अधीन कर दिया था. वित्तीय सेवा विभाग पेंशन ओर पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoP&PW) उन कर्मचारियों को NPS के दायरे से बाहर करने के संबंध में उचित निर्णय ले सकता है, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 01 जनवरी 2004 को या उससे पहले जारी किया गया था और उन्हें पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत कवर कर सकता है. अगर मामला सुझलता है तो पेंशनधारकों को बड़ा फायदा मिल सकता है.

पुरानी पेंशन स्कीम के 3 बड़े फायदे

1- OPS में पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी (last drawn salary) के आधार पर बनती थी.
2- OPS में महंगाई दर (Inflation rate) बढ़ने के साथ DA (महंगाई भत्ता) भी बढ़ता था.
3- जब सरकार नया वेतन आयोग (Pay Commission) लागू करती है तो भी इससे पेंशन (Pension) में बढ़ोतरी होती है.

2004 में लागू हुई नई पेंशन योजना

केंद्र सरकार ने साल 2004 में नई पेंशन योजना (New Pension system) लागू किया था. इसके तहत नई पेंशन योजना के फंड के लिए अलग से खाते खुलवाए गए और फंड के निवेश के लिए फंड मैनेजर भी नियुक्त किए गए थे. अगर पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न अच्‍छा रहा तो प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) और पेंशन (Pension) की पुरानी स्कीम की तुलना में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय भविष्य में अच्छी धनराशि भी मिल सकती है. लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न बेहतर ही होगा, यह कैसे संभव है. इसलिए वे 7th Pay Commission के तहत पुरानी पेंशन योजना (Old Pension scheme) को लागू करने की मांग कर रहे हैं.

ओल्ड के मुकाबले न्यू पेंशन स्कीम में कम फायदे

राज्य स्तर पर ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को लेकर आंदोलन चल रहे हैं. पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए एक मंच पर सरकारी कर्मचारी एकजुट होने लगे हैं. विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने नई रणनीति भी तैयार की है. 2010 के बाद सरकार ने नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के तहत कर्मचारियों को नियुक्त किया है. इस योजना में पुरानी स्कीम के मुकाबले कर्मचारियों को बहुत कम फायदे मिलते हैं. इससे उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है. सेवानिवृत्त होने के बाद जो पैसा मिलेगा, उसका कर सरकार को देना पड़ेगा.