सातवें वित्‍त आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्‍ते में बढ़ोतरी की गई है। वहीं कई राज्‍यों में भी महंगाई भत्‍ता को बढ़ा दिया गया है। इसी बीच में मध्‍य प्रदेश सरकार ने राज्‍य कर्मचारियों के इंक्रीमेंट के एरियर को बढ़ा दिया है। लेकिन यह फायदा सभी कर्मचारियों, खासकर 1 से 30 के बीच रिटायमेंट होने वाले कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा। क्‍योंकि नियम के तहत कहा गया है कि केवल एक जुलाई से सेवा में रहने वाले कर्मचारियों को ही इंक्रीमेंट का फायदा दिया जाता है। 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को यह लाभ नहीं दिया जा सकता।

कर्मचारियों को हर महीने 1000 से 5000 रुपये का होता है नुकसान
इस नियम के तहत माना जाता है कि 1 जुलाई से ही सत्र की शुरुआत होती है। इस वजह से 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मचारी इस नए सत्र के अंतर्गत नहीं आते हैं, जिस कारण से उन्‍हे इस इंक्रीमेंट का फायदा नहीं मिल पाता है। इस नियम के विसंगति के तहत हर महीने कर्मचारियों के पेंशन में 1000 से 5000 रुपये तक का नुकसान होता है। क्‍योंकि पेंशन आपके अंतिम महीने के सैलरी के आंकलन पर ही की जाती है। इस नियम के शिकार हर साल लगभग 5000 कर्मचारी होते हैं, इन्‍हें वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता है।

एक घंटे के अंतर में बिगड़ जाती है बात
मध्‍य प्रदेश सरकार की सेवा शर्त नियम के अनुसार, एक जुलाई को सेवा में रहने वाले कर्मचारियों को इंक्रीमेंट का लाभ दिया जाता है। अगर कर्मचारी 30 जून को 5.30 बजे रिटायर होता है तो अगले एक घंटे यानी 6.30 बजे पर ही अगली तारीख शुरू हो जाती है। यानी वह एक घंटे के अंतराल से इंक्रीमेंट से वंचित रह जाता है।

हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
इस मामले में हाईकोर्ट ने भी फैसला दिया था कि जो व्‍यक्ति सालभर नौकरी करता है, उसे इंक्रीमेंट मिलना चाहिए। इसके तहत 30 जून को रिटायर होने वाला भी इंक्रीमेंट का पात्र होगा। हाईकोर्ट ने 6 मार्च 2020 को राज्‍य सरकार की अपील को खारिज कर यह फैसला दिया था। वहीं समान्‍य प्रशासन विभाग के अपर मुख्‍य सचिव विनोद कुमार का कहना है कि यह वित्‍त आयोग का मामला है, जिसपर वित्‍त विभाग ही फैसला लेगा। समान्‍य प्रशासन का इसमें कोइ हस्‍तक्षेप नहीं होगा।