सरकार ने पेंशनर्स को राहत देते हुए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए पोस्टमैन के जरिए डोर स्टेप सर्विस को शुरू किया है। नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक के जरिए इस काम को पूरा किया जा सकता है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इस साल मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। इन फैसलों का असर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन पर पड़ रहा है। इनके अलावा कुछ फैसलों से कर्मचारियों को तो कुछ फैसलों से पेंशनर्स को सहुलियत मिली हैं।

डीए की मौजूदा दर 21 फीसदी तय है।कोरोना संकट के चलते इस साल अप्रैल महीने में सरकार ने मंहगाई भत्ते (डीए) का भुगतान पुरानी दर (17 फीसदी) पर ही देने का फैसला लिया था। इस फैसले का असर कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों पर ही पड़ रहा है। यह व्यवस्था अगले साल जून तक लागू रहेगी। वहीं पेंशनर्स अब ‘डिजीलॉकर’ में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को स्टोर कर सकते हैं। दरअसल कई पेंशभोगियों ने समय के साथ-साथ अपनी पीपीओ की ऑरिजनल कॉपी को खो दिया है जिसके बाद उन्हें पेंशन से जुड़े काम को करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सरकार ने पेंशनर्स को राहत देते हुए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए पोस्टमैन के जरिए डोर स्टेप सर्विस को शुरू किया है। नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक के जरिए इस काम को पूरा किया जा सकता है।

वहीं सरकार ने लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की डेडलाइन भी बढ़ा दी है। अब पेंशनर्स फरवरी 2021 तक इस काम को पूरा कर सकते हैं। 31 दिसंबर इसकी डेडलाइन रखी गई थी लेकिन अब 2 महीने का अतिरिक्त समय पेंशनर्स को दिया गया है। इनके अलावा बीते महीने सरकार ने दिवाली के मौके पर 30 लाख से ज्यादा नॉन गैजेस्टेड कर्मचारियों को दिवाली बोनस जारी किया था। इनके अलावा सरकार ने लीव ट्रैवल कन्सेशन (एलटीसी) और लीव ट्रैवल अलाउंस (एलटीए) पर राहत दी है। कर्मचारियों को लिए एलीटीस कैश वाउचर स्कीम पेश की है।

केंद्र सरकार की ओर से 12 अक्टूबर को एलटीसी कैश वाउचर स्कीम का ऐलान किया गया था। इसके तहत कर्मचारी ऐसी सेवाओं और वस्तुओं की खरीद कर सकते हैं, जिन पर 12 फीसदी या फिर उससे ज्यादा जीएसटी लगता हो। अब तक केंद्रीय कर्मचारियों को सिर्फ यात्रा करने पर ही एलटीसी के लाभ मिलते थे अन्यथा उन्हें इससे वंचित रहना पड़ता था। एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को 10,000 रुपये का फेस्टिवल अडवांस भी देने का फैसला लिया गया है। यह रकम 31 मार्च, 2021 तक खर्च की जा सकेगी।