देश में बीते सात-आठ महीनों से लगातार जारी कोरोना महामारी के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली से एक और बड़ा तोहफा दे दिया है. यह बात दीगर है कि इन केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर सरकार ने आगामी 31 जून 2021 तक रोक लगा दी है, लेकिन उसके एवज में सरकार ने सौगातों की बरसात कर रखी है. इन्हीं सौगातों के सिलसिले में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के जनरल प्रोविडेंट फंड यानी जीपीएफ की ब्याज दर की घोषणा कर दी है. सरकार ने यह तय किया है कि अक्टूबर-दिसंबर की तहमाही के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज दर दी जाएगी.

नोटिफिकेशन हो गया जारी वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत आर्थिक मामले के विभाग के बजट डिवीजन ने केंद्रीय कर्मचारियों के जीपीएफ की ब्याज दर से संबंधित नोटिफिकेशन को अभी हाल ही में जारी भी कर दिया है. सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, जीपीएफ पर अक्टूबर से दिसंबर महीने की तिमाही के लिए तय की गई ब्याज दरें बीते 1 अक्टूबर से ही लागू कर दी गई हैं, जो दिसंबर 2020 तक के लिए है.

हर तीन महीने पर होती है ब्याज दरों की समीक्षा सरकार वित्तीय वर्ष की प्रत्येक तिमाही की शुरुआत में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में संशोधन करती है और बाद में जीपीएफ और अन्य योजनाओं पर दर की घोषणा करती है. यानी जीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर की समीक्षा हर तीन महीने में की जाती है.

किन-किन फंड्स पर पड़ेगा असर केंद्र सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कई फंड्स पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इन फंडों में द जनरल प्रोविडेंट फंड (केंद्रीय सेवा), द कॉन्ट्रिब्यूशन प्रोविडेंट फंड (भारत), द ऑल इंडिया सर्विस प्रोविडेंट फंड, द स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, द जनरल प्रोविडेंट फंड (डिफेंस सर्विस), द इंडियन ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, द इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज वर्कमेंस प्रोविडेंट फंड, द इंडियन नेवल डाकयॉर्ड वर्कमेंस प्रोविडेंट फंड, द डिफेंस सर्विस ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड और द आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फंड शामिल हैं.

क्या है जीपीएफ और किसे मिलता है फायदा गौरतलब है कि सामान्य भविष्य निधि या जीपीएफ एक तरह का प्रोविडेंट फंड स्कीम है, लेकिन यह हर तरह के कर्मचारियों के लिए नहीं होता है. इस फंड का फायदा केवल सरकारी कर्मचारी ही उठा सकते हैं. सरकारी कर्मचारियों के एक निश्चित वर्ग के लिए जीपीएफ में योगदान करना जरूरी होता है. जीपीएफ प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ और पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ स्कीम से बिल्कुल अलग होता है.