राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा सीसीएस रूल 1972 में हुए संशोधन को प्रदेश में लागू करने की मांग की है। परिषद की एक बैठक में यह चर्चा की गई।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा अर्जित या मेडिकल अवकाश लिए जाने पर उसके बीच में पड़ने वाले रविवार और अन्य राजपत्रित छुट्टियों को उस अवकाश में ही जोड़ ली जाती हैं, जिसे केंद्र सरकार ने संशोधित कर दिया है। प्रदेश में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू हैं। इसलिए संशोधन के अनुसार नियम 45सी सीसीएल में हुए संशोधन के अनुसार अकेला पुरुष, विधुर या तलाकशुदा पुरुष को बच्चों के देखभाल के लिए सीसीएल दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
दुर्घटना में पीड़ित को मिले सुविधाएं: साथ ही नियम 44 और 45 में हॉस्पिटल लीव को समाप्त करते हुए स्पेशल डिसेबिलिटी लीव को स्थापित किया गया है। जिसमें राजकीय कार्य मे दुर्घटना होने पर यह अवकाश मिलेगा। इसमें भर्ती रहने तक पूरा वेतन भत्ता मिलेगा। उसके बाद छह माह तक आधा वेतन, जिसे छुट्टियों के अनुसार पूरे वेतन में परिवर्तित करके दिया जाएगा। दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारी को सहायता राशि भी दी जाएगी। प्रदेश के कर्मचारियों को यह सुविधाएं प्रदान की जाएं। नियम 298 और 29 में संशोधन कर छुट्टियों वाले विभाग में अध्यापक आदि को आधा वेतन अवकाश की जगह अर्जित अवकाश दिए जाने का प्राविधान किया गया है, जिसे प्रदेश में भी लागू किया जाए।