रेलवे ने स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की भी बात कही है यानी अब आप सोते हुए भी इस हाईस्पीड ट्रेन में सफर कर सकेंगे। फिलहाल जितनी भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, वे चेयरकार हैं। 

दिल्ली से देश के कई शहरों की दूरी कम करने वाली 11 वंदे भारत एक्सप्रेस अब तक दौड़ रही हैं। 1 अप्रैल को ही पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से भोपाल के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की थी। इसके अलावा दिल्ली से जयपुर होते हुए अजमेर के लिए भी इसी सप्ताह वंदे भारत चलने वाली है। इस बीच रेलवे ने स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की भी बात कही है यानी अब आप सोते हुए भी इस हाईस्पीड ट्रेन में सफर कर सकेंगे। फिलहाल जितनी भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, वे चेयरकार हैं। 

रेलवे ने स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें बनाने का काम रेलवे विकास निगम लिमिटेड को सौंपा है। कुल 120 सेमी हाईस्पीड ट्रेनें बनाई जा रही हैं, जिन पर 24 हजार करोड़ रुपये की रकम खर्च की जाएगी। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 29 मार्च को आरवीएनएल को स्वीकृति पत्र दिया गया है। अब महाराष्ट्र के लातूर में स्थित रेल कोच फैक्ट्री में स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस कोचों का निर्माण होगा। 

220 km प्रतिघंटा की स्पीड से चलेंगी वंदे भारत ट्रेनें

इससे पहले जनवरी में ही रेलवे अधिकारियों ने बताया था कि स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड 220 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी। यह रफ्तार अब तक भारत में चल रही किसी भी ट्रेन से अधिक होगी। हालांकि ट्रैक पर इन्हें 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही चलाया जाएगा। रेलवे सूत्रों के मुताबिक भविष्य की तैयारी यह है कि चेयर कार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को शताब्दी एक्सप्रेस की जगह पर दौड़ाया जाएगा। इसके अलावा स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों को राजधानी एक्सप्रेस के विकल्प के तौर पर उतारा जाएगा। 

200 स्लीपर वंदे भारत होंगी और इतनी ही चेयरकार

रेलवे ने कुल 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को लेकर प्लान तैयार किया है। अभी जो चेयरकार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, उनकी अधिकतम स्पीड 180 km प्रति घंटा है। हालांकि रेलवे ट्रैक की स्थिति और शहरी क्षेत्रों को देखते हुए कई इलाकों में इन्हें कम गति पर ही चलाया जाता है। कुल 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में से 200 चेयरकार होंगी और बाकी 200 स्लीपर के तौर पर चलाने की योजना बन रही है।