! वंदे भारत की तर्ज पर वंदे मेट्रो चलाएगा रेलवे वंदे

अगले वर्ष की तैयारी; कम होगा किराया,

स्वदेशी तकनीक से बनाई गई वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद रेलवे अब उसी तर्ज पर वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी में है। प्रारंभ बड़े शहरों से किया जाएगा, जो आसपास के लगभग 50-60 किलोमीटर की दूरी शहरों के बीच आवागमन को सुगम बनाने की भी पहल होगी। इससे उन यात्रियों को आसानी होगी जो एक शहर या आसपास के गांव-कस्बों में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री को डिजाइन का निर्देश दिया है।

रेलवे में अब डेढ़ लाख और नौकरियां देने की तैयारी

रेलवे रोजगार का भी एक बड़ा साधन है। गत आठ वर्षों के दौरान इसमें तीन लाख 74 हजार नौकरिया दी जा चुकी है। अब एक लाख 45 हजार नौकरी देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा है। रेलवे को स्वच्छ और निष्पक्ष तरीके से कराने का प्रबंध किया है, ताकि पेपर लीक की शिकायत न आ पाए।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वस्त किया है कि अगले वित्तीय

कम दूरी वाली इंटर सिटी ट्रेनों को रिप्लेस किया जाएगा। अगले सात से आठ वर्षों में मध्यम दूरी की सारी भारत की तरह वंदे मेट्रो में भी आठ

की सूचना देने का भी प्रबंध होगा।

यूपीएससी से होगी रेल अधिकारियों की भर्ती

54,733 करोड़ की कमाई

को जोड़ेगा। बाद में मध्यम श्रेणी के ने इन नौकरियों की प्रतियोगी परीक्षाओं रेलवे ने अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 भर्ती यूपीएससी द्वारा डिजाइन परीक्षा के का काम तेजी से किया जा रहा है। तक रेल यात्रियों से 54,733 करोड़ की कमाई हुई। पिछले वर्ष इसी दौरान 31,634 करोड़ की कमाई हुई थी।

रेलवे अधिकारियों की भर्ती संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से होगी। इसके लिए अलग से परीक्षा नहीं होगी। पहले एक आदेश में कहा था कि भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा जरिये की जाएगी। किंतु अब यह फैसला बदल दिया गया है। अब यूपीएससी परीक्षा से ही शीर्ष पदों पर भर्तिया होगी

में सभी पवित्र गुरुद्वारे होंगे शामिल

वर्ष का लक्ष्य 16 किमी का है।

इसी तरह ट्रेन दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए भी प्रभावी पहल के रूप में सुरक्षा ‘कवच’ को स्वदेशी तकनीक से डिजाइन और विकसित किया गया है। इसका क्षेत्र विस्तार करना है प्रारंभिक चरण में तीन हजार किमी में इस कवच को लगाने

भारत गौरव योजना के तहत रामायण एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, जगन्नाथ सर्किट, शिरडी साईं बाबा सर्किट जैसे लोकप्रिय

रहकर दूसरे शहर में काम व्यापार व वर्ष से वंदे मेट्रो ट्रेनें भी पटरियों बोगियां होंगी। प्रदूषण मुक्त रखने के है। इससे आधारभूत संरचना का सर्किट के बाद अब इसे कई अन्य नौकरी के लिए प्रतिदिन आते जाते पर दौड़ने लगेंगी। सूत्रों के अनुसार लिए इंजन को हाइड्रोजन ट्रेनों की विकास, यात्रियों की सुरक्षा, स्वदेशी सर्किट पर भी चलाया जाएगा। गुरु- हैं। किराया बहुत कम रखा जाएगा, वंदे मेट्रो 120 से 130 प्रति घंटे की तरह विकसित किया जाएगा। मेट्रो व ग्रीन तकनीक को प्रोत्साहित किया कृपा सर्किट में देश भर के पवित्र ताकि सामान्य जन भी यात्रा कर गति से चलेंगी। इसके माध्यम से की तरह दरवाजे अपने आप खुलेंगे जाना है, ताकि आम लोगों को गुरुद्वारों को शामिल किया जाएगा। व एलईडी स्क्रीन पर अगले स्टेशन

सके।

वहीं ग्रीन ग्रोथ की पहल करते हुए रेलवे स्वदेशी तकनीक से बनाई जा रही 35 हाइड्रोजन ट्रेनों को इसी

सस्ती, सुरक्षित व ससमय यात्रा की सुविधा दी जा सके। 2014 से पहले प्रतिदिन मात्र तीन से चार किमी 12 किमी तक पहुंच गया है। अगले रहा है।

रेलवे को पिछले बजट से लगभग ट्रेनों को बदल देने की तैयारी है। वंदे एक लाख करोड़ की अतिरिक्त राशि पटरियां बिछाई जाती थीं, जो अब दिसंबर तक चलाने की तैयारी कर यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए दी गई