केंद्र सरकार बहुत जल्द नौकरीपेशा को बड़ा तोहफा दे सकती है. लेकिन इसी के साथ सरकार के एक फैसले से कर्मचारियों की जेब भी खाली हो सकती है. दरअसल उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार कर्मचारियों के 18 महीने के बकाया डीए (DA Arear) के भुगतान को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. वहीं दूसरी तरफ नए वित्त वर्ष में 2023-24 में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस (Housing Building Advance) पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान भी किया जा सकता है.

बता दें कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 7वें पे कमीशन (7th Pay Commission) की सिफारिशों के तहत हाउस बिल्डिंग एडवांस (HBA) देती है.

RBI लगातार इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहा है. उसने मई में इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का सिलसिला शुरु किया था. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.25 फीसदी तक कर दिया गया है. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाना शुरू कर दिया है.

बढ़ जाएगी EMI
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.

ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
आरबीआई के कर्ज महंगा करने के बाद माना जा रहा है कि नए वित्त वर्ष में केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए घर खरीदने पर दिए जाने वाले हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस के ब्याज दरें बढ़ा सकती है. सरकार की इस योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारी 31 मार्च 2023 तक 7.1% ब्याज दर पर हाउस बिल्डिंग एडवांस का लाभ उठा सकते हैं.

कब मिलता है फायदा?
सरकार जमीन खरीदने और उस पर मकान बनवाने के लिए अपने कर्मचारियों को हाउस बिल्डिंग एडवांस देती है. को-ऑपरेटीव स्कीम के तहत प्लाट की खरीदारी करने और उस पर मकान या फ्लैट बनावाने या फिर को-ऑपरेटीव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की सदस्यता के माध्यम से एक मकान पर कर्मचारियों के अधिग्रहण करने पर सरकार उन्हें हाउस बिल्डिंग एडवांस देती है. किसी प्राइवेट संस्था से बना बनाया मकान या फ्लैट खरीदने पर केन्द्रीय कर्मचारियों को सरकार एचबीए देती है.

कितना मिलता है HBA?
यह लोन दो तरीके से मिलता है. 25 महीने का बेसिस वेतन या 25 लाख रुपये तक एडवांस ले सकते हैं. इसके अलावा मकान की कीमत या फिर लोन चुकाने की कैपिसिटी के आधार पर भी एडवांस ले सकते हैं. हालांकि इसमें प्रॉपर्टी वैल्यू का अधिकतम 80 फीसदी का ही लोन या एडवांस मिल सकता है.