एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, चंद्रशेखर ने इस कार्यक्रम में कहा कि यह कर्मचारी-उद्यमियों का दौर है और कॉरपोरेट जगत एवं कंपनियों को यह समझना होगा कि युवा भारतीय तकनीकी कार्यबल की सोच और रवैये में बदलाव आया है.

Moonlighting: इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने पेशेवरों के बीच ‘मूनलाइटिंग’ के चलन को लेकर तेज हुई बहस के बीच कहा है कि ऐसे दिन अब बीत चुके हैं जब कर्मचारी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों (IT Companies) में नौकरी पाने के बाद अपना पूरा जीवन उसी नौकरी में बिता देते थे. जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा स्वतंत्र रूप से कोई अन्य काम भी करता है, तो उसे तकनीकी तौर पर ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है. प्रौद्योगिकी पेशेवरों के बीच ‘मूनलाइटिंग’ के बढ़ते चलन ने उद्योग में एक नई बहस को जन्म दिया है.

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो लिमिटेड (Wipro Limited) ने एक साथ दो जगह काम करने यानी ‘मूनलाइटिंग’ के आरोप में हाल ही में अपने 300 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. इसके बाद यह मुद्दा बड़ी तेजी से चर्चा के केंद्र में आ गया है.

मूनलाइटिंग की वजह से नहीं होना चाहिए कंपनी के साथ हुए अनुबंध का उल्लंघन

चंद्रशेखर ने शुक्रवार को पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मूनलाइटिंग के मुद्दे पर पेशेवर कर्मचारियों के नजरिये की सराहना की. उन्होंने कहा कि अपने कर्मचारियों पर बंदिश लगाने और उन्हें अपना स्टार्टअप खड़ा करने से रोकने का कंपनियों का प्रयास निश्चित रूप से असफल होने वाला है.

उन्होंने कहा, ”आज के युवा आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, वे अपना मूल्य बढ़ाना चाहते हैं और ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं. इसलिए कंपनियों का ऐसा कहना कि आपको अपने स्टार्टअप पर काम नहीं करना चाहिए तथा कर्मचारियों पर रोक लगाने के उनके प्रयास निश्चित ही सफल नहीं होंगे.” हालांकि मंत्री ने यह जरूर कहा कि मूनलाइटिंग की वजह से कंपनी के साथ किए गए अनुबंध दायित्वों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

‘भविष्य में काम इसी प्रकार से होगा’

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, चंद्रशेखर ने इस कार्यक्रम में कहा कि यह कर्मचारी-उद्यमियों का दौर है और कॉरपोरेट जगत एवं कंपनियों को यह समझना होगा कि युवा भारतीय तकनीकी कार्यबल की सोच और रवैये में बदलाव आया है.

उन्होंने कहा, बंदिश लगाने का हर तरीका विफल होगा. नियोक्ता चाहते हैं कि कर्मचारी उनके साथ जुड़े रहते हुए उद्यमशील भी बने रहें. लेकिन इस बात को यही कर्मचारी खुद अपने पर भी तो लागू कर सकते हैं. चंद्रेशखर ने कहा, “यह वैसे ही है जैसे कि वकील या परामर्शदाता करते हैं. भविष्य में काम इसी प्रकार से होगा.”