नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय रेलवे की लैंड लीज नीति संशोधन के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है। इसमें लीज की अवधि को पांच साल से बढ़ाकर जहां 35 साल कर दिया गया वहीं लीज शुल्क को छह फीसद से घटाकर डेढ़ फीसद कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से पीएम गति शक्ति के तहत कार्गो टर्मिनल और अन्य ढांचागत सुविधाओं के विकास करने में सहूलियत मिलेगी।

लैंड लीज शुल्क में कटौती, 6 फीसद से घटाकर डेढ़ फीसद किया गया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता बुधवार को यहां आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। सरकार के इस फैसले से कार्गों टर्मिनल, जन उपयोगिता और रेलवे के विशेष इस्तेमाल वाली परियोजनाओं को विकसित करने में मदद मिलेगी। रेलवे की भूमि नीति में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी देने आए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार के इस फैसले से रेलवे की जमीन पर बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति, दूरसंचार, केबल, सीवेज निपटान, नालियां, आप्टिकल फाइबर केवल (ओएफसी), पाइप लाइन, सड़क, फ्लाइओवर, बस टर्मिनल, क्षेत्रीय रेल परिवहन और शहरी परिवहन जैसी जन उपयोगिता के ढांचागत विकास में मदद मिलेगी

अगले पांच वर्षों में पीएम गति शक्ति के 300 कार्गो टर्मिनल होंगे विकसित

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से उक्त परियोजनाओं के अलावा अगले पांच सालों के भीतर 300 से अधिक कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। रेलवे के इस नीतिगत संशोधन तकरीबन 1.25 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे भी बड़ी बात यह है कि इससे कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा। भूमि संशोधन से रेलवे की लैंड को लीज पर देने से सभी के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे। रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई बढ़ने से राजस्व पैदा करने में उनकी भागीदारी और बढ़ेगी। ल़ॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।

14,000 से अधिक पीएम स्कूलों को किया जाएगा बेहतर

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम श्री स्कूलों की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू करने को मंजूरी दी है। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 14,000 से अधिक स्कूलों को पीएम-श्री स्कूलों के रूप में उभरने के लिए मजबूत किया जाएगा।