चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Punjab Financial Crisis: पंजाब में एक बार फिर वित्‍तीय संकट के संकेत हैं। राज्‍य के सरकारी कर्मचारियों को अभी तक पिछले महीने का वेतन नहीं मिला है। इसका कारण बढ़ रहा वित्तीय संकट बताया जा रहा है। जीएसटी मुआवजा राशि एक जुलाई से बंद होने के चलते और बिजली सब्सिडी का बोझ बढ़ने के चलते सरकार वित्तीय संकट में घिरती जा रही है।

कंट्रोल से बाहर होती जा रही बिजली की सब्सिडी ने सरकार की चिंता बढ़ाई

हालांकि, राज्‍य के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि वित्तीय संकट के कारण वेतन नहीं रुका है। वेतन कल जारी कर दिया जाएगा। वित्त विभाग के प्रमुख सचिव एके सिन्हा ने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों के चलते वेतन नहीं मिला होगा, मैं इसका पता करता हूं। वेतन जल्द जारी हो जाएगा।

उधर, आज सरकारी कर्मचारी एक दूसरे से पूछते नजर आ रहे थे कि क्या उनका वेतन आ गया है कि नहीं हालांकि वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि आज शाम तक ग्रुप डी के कर्मचारियों को वेतन जारी कर दिया जाएगा और शेष कर्मचारियों को एक या दो दिन बाद जारी होगा। सरकारी कर्मचारियों का वेतन महीने की पहली तारीख को आ जाता है लेकिन इस बार एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद उनको वेतन नहीं मिला है।

वित्तीय संकट बढ़ने का कारण जीएसटी मुआवजा राशि का बंद होना बताया जा रहा है। साथ ही एक जुलाई से तीन सौ यूनिट निशुल्क देने से बिजली सब्सिडी की बढ़ती राशि का बोझ भी इस पर दोहरी मार की तरह पड़ रहा है। दिसंबर तक सरकार ने पिछले बकाए माफ करने का जो ऐलान किया था उससे भी 1298 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा है और इस समय बिजली की पिछली सब्सिडी का बकाया ही 9000 करोड़ रुपये पहुंच गया है।

विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब मौजूदा बिजली सब्सिडी ही 18000 करोड़ रुपये को पार कर गई है और हमारी कुल रिसीट ही 33 हजार करोड़ रुपए की थी । यानी साठ फीसदी राशि की हम बिजली सब्सिडी दे रहे हैं। सब्सिडी की यह राशि समय पर न मिलने के कारण प्राइवेट थर्मल प्लांटों से ली जा रही बिजली की राशि भी समय पर अदा नहीं की जा पा रही है। हालांकि यह राशि कितनी है इस बारे में आंकड़ा नहीं मिल पाया है लेकिन धीरे धीरे ये बढ़ने लगा है।

एक जुलाई से तीन सौ यूनिट फ्री करने के बाद बिजली की खपत भी बढ़ गई है। ऐसा पहली बार है कि सितंबर महीने में भी बिजली की खपत 14 हजार मेगावाट को पार कर गई है।