रेल मंत्रालय ने ट्रांसफर पालिसी को पारदर्शी बनाने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश भर में ट्रांसफर पालिसी को प्रभावी किया है। जिसके तहत रेल कर्मचारियों को हयूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस) को सेंट्रल फार रेलवे इंफार्मेशन सेंटर (सीआरआइएस) के माध्यम से रेल कर्मचारियों को जानकारी मिलेगी। इस व्यवस्था के तहत रेल कर्मचारियों को जोनल, इंटर डिवीजन, मेडिकल व स्पाउज (पति या पत्नी) ग्राउंड पर तबादले के लिए आवेदन करने पर स्पष्ट जानकारी मिलेगी।

अक्सर रेल कर्मचारी जब तबादले के लिए अपने विभाग में आवेदन करते हैं तो सुपरवाइजर या डिपार्टमेंट हेड आवेदन स्वीकृत या उसे फारवर्ड नहीं करते हैं। कई बार कर्मचारी के आवेदन को रिसीव भी नहीं किया जाता है। कई बार आवेदन रिसीव करने के बाद भी कर्मचारी को रिलीज नहीं किया जाता है और सालो-साल उनके आवेदन फाइनल में दबे रह जाते हैं। इसे देखते हुए रेल मंत्रालय ने एचआरएमएस सिस्टम को प्रभावी किया है। इसके तहत कर्मचारी अपने तबादले के लिए आवेदन पर्सनल विभाग में जमा करेंगे।

संबधित विभाग की जिम्मेदारी होगी कि उसे एचआरएमएस में अपलोड करे। कर्मचारी का आवेदन अपलोड होने, संबधित विभाग के सुपरवाइजर व विभागीय हेड द्वारा स्वीकृत या अस्वीकृत करने की स्थिति रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से पूरी जानकारी मिलेगी। रेलवे जल्द ही कर्मचारियों को खुद से अपने आवेदन एचआरएमएस में अपलोड करने की सुविधा भी देने जा रही है। जिसके बाद उन्हें अपना आवदेन जमा करने के लिए पर्सनल विभाग के ऊपर भी निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

संबधित मंडल व विभाग में पद रिक्त होना भी अनिवार्य

रेलवे के अधिकारी के अनुसार रेलवे के सभी कार्य सेफ्टी से जुड़े हुए हैं। किसी भी तकनीकि पद पर तब तक एक कर्मचारी को रिलीज नहीं किया जा सकता है जबतक उन्हें उसका रिलीवर नहीं मिल जाए। ऐसा कर्मचारी यदि आवेदन भी करता है तो उन्हें तब तक तबादले का लाभ नहीं मिल सकता जबतक वे जिस जगह वे तबादला चाहते हैं, वहां उक्त पद खाली हो और जहां से वे जा रहे हैं वहां उनका रिलीवर मिल जाए।