मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगस्त में केंद्र की मोदी सरकार महंगाई भत्ते (7th Pay Commission) और डीए एरियर के साथ फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर फैसला ले सकती है. संभावना है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी किया जा सकता है. सहमति हुई तो इसे 1 सितंबर 2022 से लागू किया जा सकता है. इससे मूल वेतन में 8,000 की वृद्धि होगी यह 18,000 से बढ़कर 26,000 हो जाएगी. इसके लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन स्तर मैट्रिक्स 1 26,000 रुपये से शुरू होगा. हालांकि सरकार की ओर से अभी तक कोई पुष्टि नहीं की गई है. 


कैसे तय होती है बेसिक सैलरी ?

दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका मानी जाती है. इस वजह से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो जाती है. फिटमेंट फैक्टर के आधार पर संशोधित मूल वेतन की गणना पुराने मूल वेतन से की जाती है. पिछले वेतन आयोग की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण सिफारिश है इसी के आधार पर वेतन वृद्धि तय की जाएगी. मांग 2.57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.68 प्रतिशत की जा रही है ताकि मूल वेतन बढ़ाया जा सके.

वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है. इस आधार पर न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम मूल वेतन 56,900 रुपये है. पिछली बार 2017 में प्रवेश स्तर के मूल वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति किया गया था. अब अगर इसे मंजूरी मिलती है तो न्यूनतम मूल वेतन में 8,000 की वृद्धि की जाएगी. वर्तमान में वेतन-स्तर -1 पर मूल वेतन 18,000 रुपये है. अगर फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है तो यह 26,000 रुपये होगा.

फिटमेंट फैक्टर वेतन गणना

  • छठे वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतनमान 7,000 रुपये था जिसमें फिटमेंट फैक्टर 1.86 गुना और वेतन वृद्धि 54% थी.
  • सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतनमान 18,000 रुपये तक पहुंच गया है जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना और वेतन वृद्धि 14.29 फीसदी है. अब अगर 8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना है तो न्यूनतम वेतनमान 26,000 होगा.
  • उदाहरण के लिए यदि एक केंद्रीय कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है तो भत्ते को छोड़कर उसका वेतन 18,000 रुपये X 2.57 = 46,260 रुपये का लाभ होगा.
  • 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) यानी 49,420 रुपये सैलरी में मिलेगी.