केंद्र ने हाल ही में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को उबारने के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज देने की घोषणा की है। अब केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीएसएनएल के 62 हजार कर्मचारियों को दो-टूक कहा है कि या तो वे अपने कामकाज में सुधार लाएं या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के जरिये कंपनी छोड़ दें। बीएसएनएल के अधिकारियों के साथ बातचीत में वैष्णव ने कहा कि यह न्यू नार्मल है और इस समय हमें काम करना होगा या खत्म होना होगा।

कर्मचारियों को भी काम करके दिखाना होगा

वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा जोखिम लिया है और बीएसएनएल को उबारने की प्रतिबद्धता दिखाई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी मुद्दों पर हम बीएसएनएल के साथ खड़े थे। अब हमें बीएसएनएल के सभी कर्मचारियों में से प्रत्येक से समान स्तर की प्रतिबद्धता की जरूरत है।

1.64 लाख करोड़ का मिल चुका पैकेज

आपको बता दें कि बीएसएनएल में नई जान फूंकने के लिए मोदी सरकार पहले ही कंपनी को 1.64 लाख करोड़ के पैकेज की स्वीकृति दे चुकी है। हाल ही में पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। पैकेज में से 44000 करोड़ कंपनी को नकदी दी जाएगी, जबकि शेष बचे 1.20 लाख करोड़ अगले चार सालों में मुहैया कराए जाएंगे।

नए स्पेक्ट्रम भी दिए जाएंगे

इसी हफ्ते हुई कैबिनेट की बैठक में बीएसएनएल के लिए एक और बड़ा फैसला भी लिया गया है। सरकार अब  कंपनी को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम भी देने जा रही है ताकि 4जी आधारित सेवाओं का तेजी से देश में विस्तार हो सके। माना जा रहा है कि सरकार का यह फैसला अगर सही ढंग से लागू हो गया तो देश में एक बार फिर सरकारी क्षेत्र की एक मजबूत दूरसंचार कंपनी संचालन कर सकेगी। हालांकि पहले भी वर्ष 2019 में कंपनी के लिए 70 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी, लेकिन उससे भी कंपनी की स्थिति सुधार नहीं सकी।