केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) की वेतन वृद्धि के लिए सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें लागू हैं. लेकिन, कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सिफारिशों से कम सैलरी मिल रही है. सैलरी कंपोनेंट्स का फायदा मिल रहा है, लेकिन सिफारिश से काफी कम है. अभी न्यूनतम वेतन की सीमा 18000 रुपए से शुरू है. इसमें फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) का सबसे बड़ा रोल है. अभी फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में इसे 3.68 गुना तक रखा गया है. अगर ये इतना बढ़ता है तो न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए से बढ़कर 26,000 रुपए हो सकता है. ऐसे में अब कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. कर्मचारी यूनियन के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ज़ी बिज़नेस को बताया कि इसे लेकर यूनियन जल्द एक नोट तैयार करके सरकार को सौंपने जा रही है. अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो जल्द ही आंदोलन भी किया जाएगा. इसमें पेंशनर्स भी शामिल हैं.

क्या 8वां वेतन आयोग आएगा?

8th pay commission को लेकर कई बार चर्चा सुनी है. लेकिन, ये आएगा या नहीं, इसे लेकर काफी कन्फ्यूजन की स्थिति है. सरकार ने अभी तक ऐसे किसी भी मामले में कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि, भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने जुलाई 2016 में कहा था- अब वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर सोचना चाहिए. लंबे वक्त से चले आ रहे पैमाने पर ही सैलरी तय हो ऐसा नहीं है. इसलिए वेतन वृद्धि के लिए नया पैमाना होना चाहिए. सूत्रों की मानें तो सरकार अब नया वेतन आयोग लाने के पक्ष में नहीं है. यूनियन का कहना है कि सरकार अगर DA Arrear, फिटमेंट फैक्टर जैसे मुद्दों को नहीं सुनती तो उन्हें 8वां पे कमिशन का ऐलान करना चाहिए.

इंक्रीमेंट के लिए नई व्यवस्था लाने पर विचार

सूत्रों के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के बाद अब अगला वेतन आयोग आना मुश्किल है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनधारकों के लिए ऐसी व्यवस्था तैयार की जाए, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा DA होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन हो जाए. इसके लिए ‘ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम’ बनाया जा सकता है. हालांकि, सरकार की तरफ से इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. अंतिम फैसला होने पर सरकार इसे ऑफिशियल करेगी और नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा.

किन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा?

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, मध्य स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होनी चाहिए. नए फॉर्मूले के बाद आय के ध्रुवीकरण (Income polarization) के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों (broad mid-level employees) के स्तर पर ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी. लेकिन, निम्न स्तर के कर्मचारियों को इसमें फायदा होता दिख सकता है.

3000 रुपए बढ़ सकती है बेसिक सैलरी?

पे-लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारियों की कम से कम सैलरी 21 हजार के बीच हो सकती है. वेतन आयोग का ट्रेंड देखें तो हर 8-10 साल के बीच इसे लागू किया जाता है. लेकिन, इस बार इसे बदलकर साल 2024 में नया फॉर्मूला लागू किया जा सकता है. सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना होनी चाहिए. 7th Pay commission में वृद्धि सबसे कम हुई थी.

Source:- Zee Business