केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) को लेकर एक नया बदलाव देखने को मिलने वाला है, महंगाई और एआईसीपीआई को देखें तो केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में करीब 5 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिलेगा. बता दें कि जुलाई 2022 में DA में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. आंकड़ों की माने तो साल 2019 के बाद यह पहली बार होगा जब DA में इतना उछाल देखने को मिलेगा. बता दें कि अभी महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत दिया जाता है.

नया फार्मूला ला सकती है सरकार

सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते के लिए नया फार्मूला पेश करने की तैयारी में है. नया फार्मूलाआने के बाद कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिल सकता है, जिसका सीधा असर कर्मचारीयों के बढ़े वेतन के रूप में देखने को मिलेगा. तो वहीं आशंका जताई जा रही है कि सरकार नया फॉर्मूला 7वां वेतन आयोग खत्‍म करने के बाद लाएगी, लेकिन नया फॉर्मूले 8वां वेतन आयोग नहीं होगा, बल्कि केंद्रीय और सरकारी कर्मचारियों को नए फॉर्मूले के तहत ही वेतन दिया जाएगा.

DA का आकलन (calculation)

सरकार की तरफ से दिया जा रहा महंगाई भत्ता(DA) 34% है. उदाहरण के लिए यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है, तो उसका महंगाई भत्ता(DA) 20,000 X 34% होगा, यानि की उसे मिलने वाला DA 6800 रुपये होगा. बता दें कि इसी तरह से कर्मचारी को मिलने वाले बाकी के भत्तों को कैलकुलेट किया जाता है.

महंगाई भत्ते 2 तरह के होते हैं

महंगाई भत्ता (DA) दो तरह का होता है. पहला इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस और दूसरा वेरिएबल डियरनेस अलाउंस. इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस में बदलाव हर 3 महीने में होता है. ये केंद्र सरकार के पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होता है. इसका आकलन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर होता है. वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का रिवीजन हर 6 महीने में होता है. वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का आकलन भी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर होता है.

महंगाई भत्ते 2 तरह के होते हैं

महंगाई भत्ता (DA) दो तरह का होता है. पहला इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस और दूसरा वेरिएबल डियरनेस अलाउंस. इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस में बदलाव हर 3 महीने में होता है. ये केंद्र सरकार के पब्लिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होता है. इसका आकलन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर होता है. वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का रिवीजन हर 6 महीने में होता है. वेरिएबल डियरनेस अलाउंस का आकलन भी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर होता है.