इसमें रेलवे का वाणिज्य, इंजीनियरिंग, आरपीएफ, मेडिकल विभाग, प्रशासनिक विभाग, अकाउंट, स्टोर, बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी आते हैं। इसके अलावा कारखानों, फैट्रियों, वर्कशॉप आदि में भी कर्मियों की छंटनी होगी।

भारतीय रेल में गैर संरक्षा श्रेणी के 91,629 पदों पर भविष्य में कभी भर्तियां नहीं की जाएंगी। सरकार ने इनको गैर जरूरी बताते हुए समाप्त कर दिया है। इस बाबत रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोनल रेलवे गैर संरक्षा श्रेणी के 50% पदों को समाप्त करने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें रेलवे की उत्पादन ईकाइयों, पहिया-इंजन कारखानें व कोच फैक्टरियां भी शमिल हैं। गैर संरक्षा श्रेणी में कुल 4,52,825 हैं। इसमें 91,649 पद खाली पड़े हैं।

रेलवे बोर्ड के 20 मई 2022 को जारी दिशा निर्देश में उल्लेख है कि गैर संरक्षा श्रेणी के 50 फीसदी पदों को तत्काल समाप्त करने का फैसला हुआ था। निर्देश में कहा गया है कि सभी जोनल रेलवे व रेल उत्पादन ईकाइयां 31 मई तक 50 फीसदी पद समाप्त कर अनुपालन रिपोर्ट बोर्ड को भेजें।

गैर संरक्षा श्रेणी
इसमें रेलवे का वाणिज्य, इंजीनियरिंग, आरपीएफ, मेडिकल विभाग, प्रशासनिक विभाग, अकाउंट, स्टोर, बोर्ड के अधिकारी कर्मचारी आते हैं। इसके अतिरिक्त कारखानों, फैट्रियों, वर्कशॉप आदि में भी कर्मियों की छंटनी होनी है।

13.5 लाख कर्मी कार्यरत
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि विभाग में खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया चलती रहती है। पिछले तीन सालों 2019 में 16,851, 2020 में 1,26,765 और 2021 में 4,534 पदों (कुल 1,48,150 पद) पर भर्ती के लिए मनोनयन किया गया है। फिर भी स्वीकृत 15 लाख छह हजार में साढ़े तेरह लाख कर्मचारी कार्यरत हैं।

विरोध जताया
रेलवे यूनियन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि 50 फीसदी पदों को समाप्त करने के मुद्दे पर बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ वीके त्रिपाठी से मिलकर विरोध जताया है। यूनियन ने शुक्रवार को देशभर के जोनल मुख्यालयों, डिविजन व उत्पादन ईकाइयों के समाने प्रदर्शन किया है।