देश में बनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के वर्जन टू का 16 डिब्बों का एक और रैक इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) चेन्नई में तैयार हो गया है। तैयार किए गए रैक में अब सीटें और पहिये (बोगी) लगाए जाएंगे। ट्रायल के बाद जुलाई से यात्री इसमें सफर कर सकेंगे। यात्रियों की सुविधाओं के लिए इस ट्रेन में कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं।

वंदे भारत एक्सप्रेस में करीब आठ घंटे तक यात्री बैठकर सफर करते हैं, इसलिए यात्रियों के बैठने की सहूलियत का विशेष ध्यान रखा गया है। ट्रेन की रिक्लाइनिंग सीट को पुशबैक से लैस किया गया है। इसके अलावा सिक्योरिटी फीचर भी जोड़े गए हैं। हर डिब्बे में चार आपातकालीन खिड़की दी गई है। दरवाजे और खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल का इस्तेमाल होगा, जिससे आग लगने की स्थिति में भी दरवाजा और खिड़कियां खोलना आसान होगा। साथ ही हर कोच में दो के बजाय अब चार इमरजेंसी पुश बटन लगाए गए हैं। 

स्मोकिंग करते ही बज उठेगा अलार्म

तैयार किए गए डिब्बे में स्मोकिंग अलार्म लगाया गया है। यात्री के स्मोकिंग करते ही अलार्म बज उठेगा। प्रत्येक कोच में चार माइक और स्विच लगाए गए हैं। इसके अलावा पावर फेल होने के बाद ट्रेन भले ही रुक जाए, लेकिन डिब्बे में लाइट जलती रहेगी। लाइटिंग सिस्टम को बैटरी  से जोड़ा गया है। 

एक साल में 48 रैक तैयार करने का लक्ष्य

मौजूदा समय वंदे भारत का रैक सिर्फ चेन्नई मेंं तैयार हो रहा है, लेकिन जल्द ही पंजाब के कपूरथला और उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित आधुनिक रेल कोच फैक्ट्री में भी वंदे भारत के रैक तैयार किए जाएंगे। तीन फैक्ट्री में हर माह दो-दो डिब्बे तैयार किये जाएंगे। एक साल में 48 रैक तैयार कर पटरी पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है।

नई दिल्ली से चंडीगढ़-अमृतसर के बीच भी चल सकती है वंदे भारत 

मौजूदा समय वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी और नई दिल्ली से कटरा के बीच दौड़ रही है। अब इसे नई दिल्ली-चंडीगढ़ या नई दिल्ली-अमृतसर के रूट पर भी दौड़ाया जा सकता है। शताब्दी और राजधानी की औसत स्पीड 90 से ऊपर नहीं आ पा रही, लेकिन वंदे भारत की औसत स्पीड 100 किमी प्रति घंटा तक ही आ रही है। बता दें वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में वाराणसी से नई दिल्ली के बीच की थी। रेल मंत्रालय का प्रयास है कि अगले साल तक 88 नई वंदे भारत ट्रेनें पटरी पर उतर जाएं।