Sarkari Naukri: रेलवे के विभिन्न कैटेगरी में कुल 60 हजार कर्मचारियों के पदों में से 14,329 पद खाली पड़े हैं हालांकि इन पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए कार्य करवाया जाएगा।

हाइलाइट्स

  • रेलवे ने खत्म किए कई पद।
  • अब आउटसोर्सिंग से होगा कार्य।
  • 14,329 पद खाली पड़े हैं।

इंडियन रेलवे में नौकरी की चाह रखने वाले के लिए एक बुरी खबर है। अब रेलवे ने सहायक कुक, माली, दफ्तर, खलासी, टाइपिस्ट और पेंटर जैसे पदों को अब खत्म कर दिया है यानी भविष्य में अब भर्ती नहीं की जाएगी। कहा जा रहा है कि आउटसोर्सिंग के कारण इन पदों पर भर्ती को बंद करने का फैसला किया गया है। जिन विभागों में पदों को हटाया गया है उनका कार्य आउटसोर्सिंग के जरिए होगा। रेलवे के अनुसार इन पदों पर भर्ती को तकनीकी विकास के कारण खत्म किया गया है। अब इन पदों पर कोई कार्य नहीं बचा है। इसके साथ ही रेलवे के बढ़ते हुए खर्च को देखकर ये फैसला लिया गया है।

आपको बता दें कि रेलवे के विभिन्न कैटेगरी में कुल 60 हजार कर्मचारियों के पदों में से 14,329 पद खाली पड़े हैं हालांकि इन पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए कार्य करवाया जाएगा। बता दें कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को इस संबंध में एक पत्र लिखकर मानव संसाधन के ऊपर हो रहे खर्चें। पत्र में कहा गया कि रेलवे पर किए जाने वाले खर्च का 67 प्रतिशत खर्च ह्यूमन रिसोर्स पर किया जाता है। यही कारण है कि भारतीय रेलवे ने इस सभी पदों पर भर्ती को निरस्त करने का फैसला किया है और साथ ही उन्हें कार्यस्थलों के पद और कार्य की रिपोर्ट व आउटसोर्सिंग के लिए प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेजने को भी कहा है। ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि खर्चे को कम करने के उपायों के विषय में प्लान बनाया जा सके।

इन पदों पर पहले से कार्यरत कर्मचारियों को रेलवे ने अन्य विभागों में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार खाली हो रहे इन पदों पर आवश्यक कार्य आउटसोर्स के माध्यम से कराए जाएं। इसी सिलसिले में फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की तरफ से कई पदों को सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है। लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में सहायक लोको पायलटों के 434 पद, स्वास्थ्य विभाग में सफाई कर्मियों के 120 पद, रेलवे स्कूलों के टीजीटी व पीजीटी के 100 पद तथा यांत्रिक कारखाना में 50 पद समेत 1300 पदों को सरेंडर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है।