केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2022 से 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन मिल रहा है. इसके साथ ही उन्हें बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता भी मिल रहा है जो जनवरी 2022 से प्रभावी माना गया है. लेकिन केंद्र जल्द ही वेतन आयोग खत्म करने पर विचार कर रही है. खबरों के अनुसार, अब आठवां वेतन आयोग नहीं आएगा.

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के आधार पर वेतन वृद्धि की योजना बना रही है जैसा निजी क्षेत्र की कंपनियों में किया जाता है. सरकार अभी इसे अमल में लाने के खाका तैयार कर रही है.

पूर्व वित्त मंत्री ने दिए थे संकेत

दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 के संसद में दिए अपने एक भाषण में इसकी ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि अब सरकार को वेतन आयोग से हटकर कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए. वहीं, अब ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि नया वेतन आयोग नहीं आएगा.

क्या होगा नया तरीका

खबरों के अनुसार, सरकार ऐसी योजना बनाने का प्रयास कर रही है जिसमें 50 फीसदी डीए होने पर वेतन में ऑटोमेटिकली इजाफा हो जाए. इसे ‘ऑटोमेटिक पे रिविजन’ का नाम दिया जा सकता है. ध्यान दें कि सरकार ने अभी ऐसी किसी रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है. केंद्र सरकार के पास फिलहाल 68 लाख कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी हैं.

किन कर्मचारियों को होगा लाभ

अगर सरकार ऐसी कोई योजना बनाती है तो इसका लाभ निम्न स्तर के कर्मचारियों को होगा. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली चाहते थे कि मध्य वर्ग के कर्मचारियों के साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों को भी वेतन वृद्धि का लाभ मिले. इससे 1 से 5 लेवल वाले केंद्रीय कर्मियों की बेसिक सैलरी न्यूनतम 21,000 रुपये तक पहुंच सकती है.

जुलाई में रिवाइज होना है महंगाई भत्ता

गौरतलब है कि साल में 2 बार केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता रिवाइज होता है. इसमें मौजूदा महंगाई के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कुछ इजाफा किया जाता है. पहला इजाफा जनवरी में हो चुका है. वहीं, दूसरा इजाफा 6 महीने बाद यानी जुलाई में होना है. हालांकि, इसमें बहुत अधिक वृद्धि के आसार कम दिख रहे हैं.