बुलेट ट्रेन परियोजना में वर्तमान में 20 हजार लोग नौकरी कर रहे हैं। जल्द एक लाख लोग इस परियोजना में नौकरी करेंगे। सभी परियोजनाओं के ठेके भारतीय कंपनियों को दिए गए हैं।

जापान की हाईस्पीड ट्रेन शिंकानसेन को भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से ढाला जा रहा है। शिंकानसेन ट्रेन में भारत के तापमान, धूल और भार के हिसाब से बदलाव किया जा रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन का सबसे पहला ट्रायल 2026 तक गुजरात के सूरत-बिलीमोरा खंड पर शुरू किया जाएगा। देश में पहली बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी।

अग्निहोत्री ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच कुल 502 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसमें से गुजरात राज्य के भीतर 352 किलोमीटर की पटरी बिछाई जानी है। इसके लिए 98.7 फीसदी भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया गया है।

रेल मंत्री को रोज रिपोर्ट भेजी जा रही
सूरत-नवसारी खंड पर बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद सतीश अग्निहोत्री ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना का काम सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। इस मौके पर जापान के राजदूत सातोसी सिजुकी भी मौजूद थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को प्रतिदिन परियोजना की कार्य प्रगति रिपोर्ट भेजी जाती है। अग्निहोत्री ने एक सवाल के जवाब में दावा किया कि सूरत-बिलीमोरा (48 किलोमीटर) खंड पर दिसंबर 2026 में बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरू हो जाएगा।

भारतीय कंपनियों को दिए जा रहे सारे ठेके
अग्निहोत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना में वर्तमान में 20 हजार लोग नौकरी कर रहे हैं। जल्द एक लाख लोग इस परियोजना में नौकरी करेंगे। उन्होंने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत सभी परियोजनाओं के ठेके भारतीय कंपनियों को दिए गए हैं। नर्मदा ब्रिज, माही ब्रिज, ताप्ती ब्रिज व साबरमती ब्रिज पर वेल फाउंडेशन पर काम चल रहा है। इसके अलावा वापी-साबरमती तक सभी आठ बुलेट ट्रेन स्टेशनों पर निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में हैं।

दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगी बुलेट ट्रेन
सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि जापान की तकनीकी, रोलिंग स्टॉक व सिग्नल सिस्टम होने के कारण बुलेट ट्रेन कभी भी दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगी। इस तकनीक को क्रैश एवॉयडेंस सिस्टम कहा जाता है।

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर एक नजर

– 508.17 किलोमीटर है कॉरिडोर की कुल लंबाई
– 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी अधिकतम गति
– 2.07 घंटे का समय लगेगा मुंबई से अहमदाबाद पहुंचने में (कुछ स्टॉप के साथ)
– 2.58 घंटे लगेंगे सभी स्टॉप के साथ

स्टेशनों की कुल संख्या – 12
गुजरात में – 8
महाराष्ट्र में – 4
– गुजरात में ये स्टेशन होंगे : वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद/नडियाद, अहमदाबाद और साबरमती
– महाराष्ट्र के स्टेशन : मुंबई (बीकेसी), ठाणे, विरार एवं बोईसर

03 डिपो का निर्माण होगा, 2 गुजरात के सूरत और साबरमती में जबकि एक मुंबई के ठाणे में
100 फीसदी भूमि का अधिग्रहण हो चुका है दादरा नगर हवेली में

68.7 फीसदी भूमि का अधिग्रहण महाराष्ट्र में किया जा चुका है (निजी-87 फीसदी, सरकारी-92 फीसदी)

– वापी से साबरमती तक सभी 8 स्टेशनों का निर्माण शुरू हो चुका है
– सूरत डिपो के 128 फाउंडेशन में से 118 फाउंडेशन पूरे हो चुके हैं
– साबरमती में एचएसआर, मेट्रो, बीआरटी एवं दो भारतीय रेलवे स्टेशनों को एकीकृत करने वाले पैसेंजर टर्मिनल हब के निर्माण कार्य अगस्त 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है।