साल 2004 से पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था।

राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme, OPS) बहाल हो गई है। इससे लाखों सरकारी कर्मचारियों की होली के पहले लॉटरी निकल आई है। इससे राजस्‍थान सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वापस लाने वाला पहला राज्य बन गया है। यह डेवलपमेंट ऐसे समय है जब उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने ओपीएस वापस लाने का वादा किया है।

जनवरी 2004 से NPS

पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नई पेंशन योजना (National Pension System, NPS) लागू है। केंद्र ने 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा (Government Jobs) में आए अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एनपीएस की शुरुआत की है। सशस्त्र बलों को छोड़कर बाकी सभी विभागों में NPS लागू है।

बजट में ऐलान

राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में कहा कि हम सभी जानते हैं कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस करना चाहिए, तभी वे सेवा अवधि के दौरान सही दिशा में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। इसलिए 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए मैं पुरानी पेंशन योजना लागू करने का प्रस्ताव करता हूं।

राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों की चांदी हो गई है। राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने बुधवार को बजट घोषणा (Rajasthan Budget 2022) में पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) को बहाल करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त हुए सभी राज्य कर्मचारियों के लिए अगले वित्त वर्ष से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। इससे अब सरकारी कर्मचारियों को रिटायर्ड होने पर पहले के सरकारी कर्मचारियों की तरह ही पूरी पेंशन मिलेगी। बता दें कि साल 2004 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया गया था। अब इस पुरानी और नई पेंशन योजना में क्या है अंतर और कर्मचारियों को इस फैसले से क्या होगा फायदा, आइए जानते हैं।

साल 2004 से पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था और नई पेंशन योजना (New pension scheme) लागू की गई थी। इसके बाद राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को अपना लिया। बता दें कि पिछले कई वर्षों से सरकारी कर्मचारी फिर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग के साथ विरोध-प्रदर्शन करते रहे हैं।

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की खास बातें
1. इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।
2.पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।
3. पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है।
3. इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।
4. रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।
5. पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का प्रावधान है।
6. इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है।

नई पेंशन स्कीम में ये हैं खास बातें

1. नई पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+ डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है।
2. एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

3. इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान नहीं है।
4.यहां रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
5. एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है।
6. इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।

अन्य राज्यों व केंद्र सरकार पर बनेगा दबाव
पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का मुद्दा यूपी चुनाव में भी उठा था। देशभर में सरकारी कर्मचारी समय-समय पर इसकी मांग करते रहे हैं। राजस्थान सरकार का पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला अब अन्य राज्य सरकारों और केंद्र सरकार पर दबाव डालेगा। आने वाले राज्यों के चुनावों और केंद्र के चुनाव में यह एक अहम मुद्दा बन सकता है।