देश के किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए साल 2018 में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को 6 हजार रुपये सालाना दिए जाते हैं। पीएम किसान योजना के तहत हर साल तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये किसानों के खाते में भेजे जाते हैं। केंद्र सरकार द्वारा ये धनराशि सीधे लाभार्थी किसान के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है। अभी तक इस योजना की कुल 10 किस्तें जारी हो चुकी हैं। हाल ही में 10वीं किस्त के तहत इस बार मोदी सरकार ने देशभर के करीब 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि ट्रांसफर की है। इस योजना का लाभ ऐसे छोटे और सीमांत किसान परिवारों को मिलता है जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य जमीन है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऐसे किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन है या जिनके पास खेती योग्य भूमि भी है और वे नौकरीपेशा भी हैं, क्या उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलता है? आइए जानते हैं इसका जवाब… 

केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रम, स्वायत्त संगठन के कर्मचारी, जो गांवों में अपने नाम पर खेती योग्य भूमि रखते हैं, योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रालयों, कार्यालयों, विभागों और उनकी क्षेत्रीय इकाइयों, केंद्र या राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और संबद्ध कार्यालयों, सरकार के तहत स्वायत्त संस्थानों के साथ-साथ स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारियों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं हैं। मल्टी-टास्किंग स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी, ग्रुप डी कर्मचारियों को छोड़कर, ऐसे सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार रुपये या उससे अधिक है उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता। डॉक्टर, इंजीनियर के वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे निकायों के साथ पंजीकृत लोगों को इसका लाभ नहीं मिलता।