ओमिक्रॉन के खतरे और विधानसभा चुनाव को देखते हुए पंजाब सरकार ने कर्मचारियों पर सख्ती कर दी है। सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि जिन कर्मचारियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगी, उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी। उन्हें अपने कोविड डबल डोज का सर्टिफिकेट तुरंत iHRMSवेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।

इसके बगैर कर्मचारी की सैलरी नहीं बनेगी। ऐसे में लापरवाह कर्मचारियों का नया साल खराब हो सकता है क्योंकि जनवरी महीने में मिलने वाली उन्हें दिसंबर की सैलरी नहीं मिलेगी।

सख्ती के दो कारण

ओमिक्रॉन का खतरा : पंजाब में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद पंजाब के सभी सरकारी कर्मचारियों ने कोविड वैक्सीन की डबल डोज नहीं लगाई। वह पब्लिक डीलिंग में रहते हैं और फिर अफसरों से भी मिलते हैं। वैक्सीन न लगी होने से संक्रमण फैल सकता है।

चुनावी ड्यूटी : चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी दी जाएगी, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगाई हो। ऐसे में अगर कर्मचारी डबल डोज नहीं लगवाएंगे तो फिर कर्मचारियों की कमी हो सकती है। इसलिए सरकार सख्ती बरत रही है ताकि बाद में आयोग को कोई दिक्कत न हो।

पहले भी हुए थे आदेश लेकिन फेल रहे

इससे पहले कैप्टन सरकार में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन ने कहा था कि उन सभी कर्मचारियों को पब्लिक डीलिंग से हटा दिया जाए, जिनको कोविड वैक्सीन नहीं लगी। उन्होंने डीसी से उनकी लिस्ट भी मंगवाई थी। हालांकि वह आदेश फेल होकर रह गया।

पंजाब में वैक्सीन के हालात

पंजाब में अभी तक 2 करोड़ 59 लाख 4 हजार 479 लोगों को कोविड वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 1 करोड़ 69 लाख 62 हजार 706 लोगों को फर्स्ट डोज लगी है जबकि दूसरी डोज सिर्फ 89 लाख 41 हजार 773 लोगों ने ही लगवाई है। इसी को लेकर पंजाब सरकार की चिंता बनी हुई है। बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन में शामिल किए गए सरकारी कर्मचारियों ने भी डबल डोज नहीं लगवाई है।