Indian Railways IRCTC देश में कोरोना के आते ही रेलवे कर्मचारियों पर गाज गिर गई। पिछले दो सालों से भारतीय रेलवे के कई विभाग का प्रमोशन रुका हुआ है। रेलवे यूनियन आवाज उठा रही है लेकिन कई डिवीजन में मामला फंसा हुआ है…

चक्रधरपुर मंडल में 500 से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें यदि दिसंबर 2021 तक प्रमोशन का लाभ नहीं मिला तो उन्हें प्रमोशन व इंक्रीमेंट का लाभ नहीं मिलेगा और इससे सभी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान होगा।

दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस, चक्रधरपुर मंडल के कार्यवाहक महामंत्री शशि मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार को कई नेतृत्व नेता चक्रधरपुर जाकर एडीआरएम विनोद कुमार सिन्हा से मुलाकात की और मामले की जानकारी दी।

कोविड-19 के कारण जारी नहीं हुआ कैलेंडर

रेलवे की ओर से वार्षिक कैलेंडर जारी होता है जिसमें किस माह किस पद रिक्त होगा। कौन कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। इसके लिए कब लिखित परीक्षा, साक्षात्कार सहित संबधित कर्मचारी को प्रमोशन मिलेगा, इसका विवरण रहता है। लेकिन कोविड 19 के कारण कैलेंडर जारी नहीं हो रहा है जिससे ऑपरेटिव, कॉमर्शियल, इलेक्ट्रिक लोको शेड में कार्यरत कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल रहा है। यदि दिसंबर माह में भी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिला तो उन्हें इसके कारण आर्थिक नुकसान होगा। इस पर एडीआरएम ने मामले का जल्द समाधान करने का आश्वसन दिया है।

रेलवे बोर्ड के आदेश को नहीं मान रही है चक्रधरपुर मंडल के अधिकारी

कोविड 19 के समय रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी किया था कि जिन कर्मचारियों के बच्चे बाहर किसी हॉस्टल में पढ़ते हैं उन्हें बिना रसीद के वार्षिक 81 हजार रुपये मिलेंगे। इसके लिए कर्मचारियों को पहले शपथ पत्र देना होगा और कॉलेज खुलने के बाद इसकी रसीद जमा करना होगा। लेकिन रेलवे बोर्ड का उक्त आदेश चक्रधरपुर मंडल के अधिकारी नहीं मान रहे हैं। मेंस कांग्रेस के कार्यवाहक महामंत्री शशि मिश्रा ने मामले की शिकायत मंडल के वरीय अधिकारियों से की।

सिस्टम जेनरेटेड रसीद की मांग कर रहे हैं अधिकारी

उन्होंने बताया कि कॉलेज खुलने के बाद कर्मचारी हस्तलिखित रसीद जमा कर रहे हैं लेकिन मंडल के अधिकारी सिस्टम जनरेटेड रसीद की डिमांड करते हुए केवल नवंबर माह में 40 आवेदनों को रद कर दिया। शशि मिश्रा ने कहा कि कुछ अधिकारियों की मनमानी के कारण कर्मचारियों को मानसिक परेशानी हो रही है और ये अधिकारी रेलवे बोर्ड के आदेश को भी नहीं मान रहे हैं। यदि मामले का जल्द समाधान नहीं हुआ तो हम जोरदार आंदोलन करेंगे और मामले को डीआरएम से लेकर जोन के वरीय अधिकारियों तक भी लेकर जाएंगे।