Income Tax on Medical Claim पिछले सप्ताह उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के साथ नरमू के प्रतिनिधिमंडल की कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर बैठक हुई थी। इसमें बताया गया क‍ि रेलवे की गलती से मेडिकल क्लेम पर आयकर काटा जा रहा है।

रेलवे कर्मचार‍ियों की मेडिकल क्लेम की राशि अब आयकर का हिस्सा नहीं होगी। क्लेम राशि को रेलवे कर्मचारी के आय में नहीं जोड़ा जाएगा, बल्कि रेलवे के खर्च में यह शामिल होगा। इस व्यवस्था के बाद रेलवे कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।

भारतीय रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार वालों के इलाज के लिए रेलवे अस्पताल का संचालन करता है। रेलवे अस्पताल में ज‍िस बीमारी के इलाज की सुविधा नहीं होती है, तो ऐसी स्थित‍ि में बीमार रेल कर्मचारियों को अनुबंधित अस्पताल में भेजकर फ्री में उनका इलाज कराया जाता है। इसके अलावा आपात स्थिति में रेलवे कर्मचारी किसी भी प्राइवेट अस्पताल में जाकर अपने खर्च पर इलाज करा सकता है, इलाज शुरू करने पर रेलवे कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्य को रेलवे अस्पताल प्रशासन व अपने अधिकारी को सूचना देनी पड़ती है। ठीक होने पर रेल कर्मचारी इलाज पर होने वाली खर्च राशि के भुगतान के लिए क्लेम करता है। रेल प्रशासन इसका भुगतान करने के बाद इसे कर्मचारी के आय में शामिल कर लेता है और क्लेम राशि से 30 फीसद आयकर की कटौती कर लेता है। इसके कारण इलाज पर किए गए खर्च राशि पर भी कर्मचारियों को तीस फीसद का भुगतान करना पड़ता है। बड़े स्टेशनों पर रेलवे अस्पताल हैं, छोटे-छोटे स्टेशन पर काफी रेलवे कर्मचारी तैनात हैं। जहां रेलवे अस्पताल की कोई सुविधा नहीं है, ऐसे स्थान पर कर्मचारी गंभीर रूप से बीमार होने पर, दुर्घटना में घायल होने पर या हार्ट अटैक आने पर स्थानीय प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाते हैं। मंडल में प्रत्येक साल लगभग पांच हजार से अधिक कर्मचारी व उसके परिवार वाले प्राइवेट अस्‍पतालों में इलाज कराते हैं और मेडिकल क्लेम लेते हैं।

पिछले सप्ताह उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के साथ नरमू के प्रतिनिधिमंडल की कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर बैठक हुई थी। इसमें बताया गया क‍ि रेलवे की गलती से मेडिकल क्लेम पर आयकर काटा जा रहा है। नियम के अनुसार मेडिकल क्लेम की राशि रेलवे के खर्च में शामिल किया जाना चाहिए। क्योंकि रेलवे प्रशासन रेल कर्मचारियों के इलाज के लिए आवंटित राशि से मेडिकल क्लेम का भुगतान करता है। महाप्रबंधक ने सभी जोन के अधिकारियों को आदेश दिया है कि कर्मचारियों के मेडिकल क्लेम राशि को कर्मचारी के आय में शामिल नहीं करें और क्लेम राशि पर आयकर की कटौती नहीं करें। नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि रेल प्रशासन की गलती के कारण मेडिकल क्लेम राशि को कर्मचारी के आय में जोड़ा जा रहा था और आयकर की कटौती की जा रही थी। यूनियन के विरोध के बाद मेडिकल क्लेम को कर्मचारी के आय में नहीं जोड़ने का आदेश दिया गया है। इससे कर्मचारियों को राहत मिलेगी।